पालीगंज से तीन गुना आगे मसौढ़ी

शराब तस्करी. डीआइजी ने किया रिव्यू, आंकड़े देख दिये कड़े निर्देश बरामदगी के साथ शराब बनाये जाने वाले स्थल होंगे चिह्नित पटना : शहरी इलाकों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में शराब का निर्माण और ब्रिकी बड़े पैमाने पर जारी है. महुआ शराब अब भी बनायी जा रही है. खास करके नक्सली प्रभावित इलाके महफूज ठिकाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2016 6:25 AM
शराब तस्करी. डीआइजी ने किया रिव्यू, आंकड़े देख दिये कड़े निर्देश
बरामदगी के साथ शराब बनाये जाने वाले स्थल होंगे चिह्नित
पटना : शहरी इलाकों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में शराब का निर्माण और ब्रिकी बड़े पैमाने पर जारी है. महुआ शराब अब भी बनायी जा रही है. खास करके नक्सली प्रभावित इलाके महफूज ठिकाने बन गये हैं. इसका अंदाजा पालीगंज और मसौढ़ी अनुमंडल में पुलिस द्वारा नयी उत्पाद नीति के तहत की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट देख कर लगाया जा सकता है. एक ताजे आंकड़े के मुताबिक पालीगंज अनुमंडल से तीन गुना ज्यादा शराब मसौढ़ी अनुमंडल में बनायी और बेचा जा रही है.
ये आंकड़े डीआइजी शालिन के द्वारा किये गये रिव्यू में सामने आये हैं. इससे साफ है कि मदहोशी का कारोबार बदस्तूर जारी है. यह आंकड़े पुलिस को भी हैरान करने वाली हैं. रिव्यू के बाद साफ आदेश दिया गया है कि शराब की बरामदगी तो ठीक है, लेकिन इसका सुराग लगाएं कि आखिर शराब कहां बनायी जा रही है और कहां से लायी जा रही है.
शहरी इलाकों में अंगरेजी शराब की तस्करी हो रही ज्यादा
दरअसल डीआइजी ने पालीगंज के बाद मसौढ़ी अनुमंडल का रिव्यू किया. इसमें मसौढ़ी में शराब के अवैध कारोबारी की तेजी देखी गयी. इस पर तत्काल लगाम लगाने का निर्देश दिया गया. जिस तरह से मसौढ़ी में शराब की बरामदगी ज्यादा हुई है, उससे यह समझा जा रहा है कि जहानाबाद के पहाड़ी और जंगली इलाके से सटे हुए मसौढ़ी के इलाकों में शराब लायी जा रही है.
डीआइजी के निर्देश के बाद वहां हड़कंप मचा हुआ है. शहरी इलाकों की बात करें, तो यहां अंगरेजी शराब की तस्करी ज्यादा हो रही है. कड़े कानून और पूर्णत: प्रतिबंध के बावजूद यह धंधा लोगों कम समय में अधिक पैसा कमाने वाला लग रहा है, इसलिए ट्रेन से, बस से और भार वाहन गाड़ियों से शराब की तस्करी दूसरे प्रदेशों से हो रही है.

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