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बिहार में बाढ़ : गंगा व सोन का जल स्तर घटा, पर डेंजर लेवल से अब भी ऊपर

गंगा के जल स्तर में 35 सेंटीमीटर की कमी, पटना : पटना जिले में सोमवार को गंगा, सोन व पुनपुन के जल स्तर में थोड़ी कमी दिखी, लेकिन अभी भी डेंजर लेवल से ऊपर है. गंगा के जल स्तर में 35 सेंटीमीटर की कमी आयी है. इधर केंद्रीय जल आयाेग ने पटना में मंगलवार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2016 7:11 AM
गंगा के जल स्तर में 35 सेंटीमीटर की कमी,
पटना : पटना जिले में सोमवार को गंगा, सोन व पुनपुन के जल स्तर में थोड़ी कमी दिखी, लेकिन अभी भी डेंजर लेवल से ऊपर है. गंगा के जल स्तर में 35 सेंटीमीटर की कमी आयी है. इधर केंद्रीय जल आयाेग ने पटना में मंगलवार की सुबह तक 20 सेंटीमीटर, बक्सर में 20 सेंटीमीटर और साहेबगंज में पांच सेंटीमीटर की कमी की संभावना व्यक्त की है, जबकि कहलगांव में 36 सेंटीमीटर पानी बढ़ने की आशंका है. वहीं पटना जिले के पटना सदर, मोकामा व मनेर प्रखंड के दियारा क्षेत्र में बाढ़ का सर्वाधिक असर दिख रहा है.
इन इलाकों की दो दर्जन से अधिक पंचायतों में रहने वाली हजारों की आबादी विस्थापित होकर विशेष रिलीफ कैंपों में रह रही है. बख्तियारपुर से मोकामा तक एनएच पर कई जगह एक से डेढ़ फुट तक पानी चढ़ा हुआ है, जिसके चलते इस पर परिचालन पर लगी रोक बरकरार है. बाढ़ में एनटीपीसी कैंपस में भी एक फुट से ऊपर पानी आ गया है. वहीं राज्य के छपरा, आरा बक्सर, बिहारशरीफ, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया व कटिहार में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है.
वाण सागर से फिर छोड़ा गया 3.87 लाख क्यूसेक पानी: वाण सागर से फिर 3.87 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. सोमवार को देर शाम पानी छोड़ने की सूचना के साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क हो गया है. विभाग ने सोन नदी के आसपास के जिलों को इसकी सूचना दे दी है. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह पानी सोन नदी के माध्यम से गंगा में आयेगा. विभागीय संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि वाण सागर के इस पानी से गंगा के जल स्तर में कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ने वाला है.
आधा दर्जन एनएच पर आवागमन ठप
पटना. गंगा सहित अन्य नदियों में पानी बढ़ने से पटना और आसपास के जिलों में बाढ़ की भयावह स्थिति हो गयी है. बाढ़ से कई जिलों में एनएच पर पानी चढ़ने से आवागमन ठप हो गया है. इतना ही नहीं पानी बढ़ने के कारण एनएच का निर्माण काम भी बाधित हुआ है.
एनएच की स्थिति का आकलन करने के लिए अधिकारी बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा कर रहे हैं. पानी घटने के बाद सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के बारे में पता चलेगा. हाजीपुर-छपरा एनएच 19 का पटना से संपर्क कट गया है. छपरा शहर सहित आसपास के इलाके में एनएच पर पानी बह रहा है.
कमर भर से अधिक पानी बहने से आवागमन ठप पड़ गया है. गया-बिहारशरीफ एनएच 82 पर हिसुआ के आसपास बाढ़ से आवागमन बाधित हुआ है. पानी के तेज बहाव से वहां पर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. एनएच 31 पर बख्तियारपुर -मोकामा के बीच दो-तीन जगहों पर घुटने भर पानी बह रहा है.
एनएच 30 पर मनेर के समीप पानी का बहाव तेज होने से आवागमन पर असर पड़ा है. मोकामा-मुंगेर एनएच 80 पर कई जगहों पर बाढ़ का पानी बह रहा है. सबसे अधिक सबौर-कहलगांव के समीप तेज बहाव से सड़क को खतरा है. यह सड़क पहले से भी क्षतिग्रस्त है. आरा-बक्सर के बीच एनएच 84 पर पानी बह रहा है. छपरा-गोपालगंज एनएच 85 पर पानी चढ़ने से आवागमन ठप है. वहीं एनएच का निर्माण काम भी बाधित हो गया है. इस सड़क काे दस मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है. बाढ़ को लेकर एनएच की स्थिति का आकलन करने के लिए अधिकारी संबंधित इलाके में दौरा कर रहे हैं. सड़कों पर पानी होने से यह पता नहीं लग रहा है कि सड़कों की क्या स्थिति है.
निर्माण काम पर भी असर
बाढ़ का असर सड़कों के निर्माण पर भी पड़ेगा. बरसात के बाद सड़कों के निर्माण काम शुरू करने की तैयारी थी. अब बाढ़ का पानी सूखने में दो से तीन माह लगेंगे. ऐसी स्थिति में सड़कों के निर्माण के लिए मिट्टी भरने की समस्या खड़ी होगी. बाढ़ के कारण हाजीपुर-छपरा एनएच 19 व छपरा-गोपालगंज एनएच 85 के निर्माण काम बाधित हो गया है. हाजीपुर-छपरा फोर लेन बनाने का काम हो रहा है, जबकि छपरा-गोपालगंज एनएच को दस मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है.
दोनों एनएच का निर्माण काम ठप पड़ गया है. बरसात के बाद पटना-बक्सर व बख्तियारपुर-मोकामा फोर लेन का काम शुरू होने की तैयारी थी. बख्तियारपुर-मोकामा फोर लेन निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण हुआ है. वहां सड़क निर्माण का काम शुरू होना है. पटनासहित आसपास के जिले में बाढ़ को लेकर पटना-बक्सर फाेर लेन निर्माण पर असर पड़ेगा.
डाक्टरों व कर्मियों की छुट्टियां रद्द
पटना. बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार से राज्य के सभी डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों की छुट्टी को रद्द कर दिया है. विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि डाक्टर व चिकित्साकर्मियों को किसी भी प्रकार की छुट्टी इस दौरान नहीं दी जायेगी. जिला के सिविल सर्जनों व क्षेत्रीय उप निदेशकों को भेजे गये पत्र में स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव प्रदीप कुमार झा ने निर्देश दिया है कि बाढ़ की स्थिति व संभावित महामारी के आलोक में सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य है.

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