नयी दिल्ली : सामान्य से कम बारिश होने के बावजूद बिहार में बाढ़ को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और केंद्र से हस्तक्षेप करने को कहा और कहा कि हर साल बाढ़ से बचने का एकमात्र समाधान गंगा के तलछट की सफाई करना है. नीतीश ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया कि मोदी ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी मांगों पर तुरंत और सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी जिसमें राष्ट्रीय तलछट प्रबंधन नीति बनाना शामिल है.
स्थितियों के आकलन का सही वक्त-सीएम
उन्होंने मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे परियोजना को बिहार में बेहतर तलछट प्रबंधन से जोड़ते हुए कहा कि अगर स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया तो कार्यक्रम की सफलता पर भी प्रश्न चिह्न उठेगा क्योंकि राज्य में गंगा की स्थिति पर उन्हें रोने का मन करता है. उन्होंने कहा कि आज हम जो बहुत गंभीर स्थिति देख रहे हैं वह कभी नहीं हुआ. इससे निजात पाने का एकमात्र रास्ता तलछट की सफाई है. राष्ट्रीय तलछट प्रबंधन नीति की जरूरत है. उन्होंने मोदी से अपील की कि पूर्वी राज्य में अभूतपूर्व स्थिति का जायजा लेने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम भेजें और कहा कि स्थितियों का आकलन करने के लिए यह बेहतरीन वक्त है.
प्रधानमंत्री ने दिया आश्वासन
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुझे आश्वासन दिया कि विशेषज्ञ भेजे जायेंगे और इस विषय पर जल्द ही निर्णय किया जाएगा। त्वरित और सकारात्मक कार्रवाई करनी होगी. मुख्यमंत्री ने आशंका जतायी कि अगर प्रभावी तरीके से नहीं निबटा गया तो स्थिति और बदतर हो जायेगी और आगामी वर्षों में राज्य को ज्यादा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. मॉनसून के दौरान बिहार में सामान्य से 14 फीसदी कम बारिश हुई है लेकिन नेपाल के अलावा मध्यप्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में भारी बारिश के बाद नदियों में पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के बड़े हिस्से में बाढ़ आई हुई है.
बाढ़ की स्थिति के लिये फरक्का बांध जिम्मेवार
नीतीश ने इस स्थिति के लिए फरक्का बांध को भी जिम्मेदार ठहराया. इससे पहले उन्होंने इसके लिए गंगा नदी में सिल्ट जमा होने को बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि सिल्ट के कारण गंगा में उतना पानी नहीं आ सकता जितना पहले आता था जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है.