पटना : गंगा और सोन में उफान से पटना, बक्सर और आरा के कई बांध और तटबंध क्षतिग्रस्त हो गये हैं. जल संसाधन विभाग उनकी सुरक्षा के लिए आपातस्थितिमें मरम्मती करा रहा है.विभाग द्वारा शहर और गांवों में पानी रोकने के लिए प्लास्टिक बोरों में मिट्टी-बालू भर कर तटबंधो के गेट को भी जाम कराया जा रहा है. गंगा-सोन के उफान से तटबंधो और गांव-मोहल्लों की सुरक्षा-कार्य में 500 से अधिक मजदूर लगाये गये हैं. विभाग ने तीनों जिलों की तटबंधो की मरम्मत का आपात कार्य 48 घंटों में पूरा कराने का लक्ष्य अभियंताओं को दिया है.
बालू भरे बैग से चलाया जा रहा है काम
पटना शहर को गंगा के प्रकोप से बचाने के लिए दीघा एलसीटी घाट से रानी घाट तक बने सुरक्षा तटबंध के सभी गेट बंद किये जा रहे हैं. सभी गेटों को बालू भरे बैग लगा कर बंद किया जा रहा है. पटना सिटी के कोली गांव में बने रिंग बांध पर भी कटाव निरोधक कार्य चल रहा है. पटना सिटी के नारायण टोला में महतमाईन नदी पर मनरेगा बांध की सुरक्षा के लिए भी व्यापक स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कार्य हो रहा है. पटना के अनिसाबाद के आस-पास कई जगह पुनपुन बांध में कटाव आ गया है वह एक अलग समस्या है. वहां भी विभाग द्वारा कार्य जारी है.
बक्सर और आरा में स्थिति नाजुक
उसी तरह आरा के पड़रिया, बंधु-छपरा, दौलतपुर, मन्नाचक और राजापुर गांव के पास भी कोईलवर तटबंध कटाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है. क्षतिग्रस्त तटबंध की सुरक्षा के लिए बांध के किनारे-किनारे मिट्टी-बालू भरे बैग की सुरक्षा दीवार खड़ी की जा रही है. लटना के दानापुर-खगौल में भी सादिकपुर, बयापुर, मनेर, महियाब और तिवारी टोला में बांध को ओवर-टॉप से बचाने के लिए मिट्टी-बालू के भरे बैग की दीवार खड़ी की जा रही है. बक्सर में नैनीजोर के पास बदलईया टोला, प्रमोद डेरा, बिहार घाट, राम जी डेरा, अर्जुनपुर और अमरपुर गांव के पास कोईलवर तटबंध की क्षति हुई है. जल संसाधन विभाग क्षतिग्रस्त तटबंध पर कटाव-निरोधक कार्य कराने में जुटा है.