वैशाली की डीएम से कहा 24 घंटे में रखें अपना पक्ष

पटना : एसआइटी ने वैशाली की जिलाधिकारी रचना पाटिल को रिमांइडर भेजा है और 24 घंटे के अंदर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. अगर अब भी उनका जवाब नहीं आता है, तो फिर एसआइटी की टीम वहां जाकर पूछताछ करेगी. विदित हो कि पत्र के माध्यम से एसआइटी ने जिलाधिकारी से पूछा था […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2016 1:24 AM
पटना : एसआइटी ने वैशाली की जिलाधिकारी रचना पाटिल को रिमांइडर भेजा है और 24 घंटे के अंदर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. अगर अब भी उनका जवाब नहीं आता है, तो फिर एसआइटी की टीम वहां जाकर पूछताछ करेगी.
विदित हो कि पत्र के माध्यम से एसआइटी ने जिलाधिकारी से पूछा था कि उन्होंने किस परिस्थिति या कारण से विशुनदेव राय कॉलेज का परीक्षा केंद्र इंटर परीक्षा के कुछ दिन पूर्व बदल दिया गया था. इसके अलावा पत्र में यह भी बताया गया था कि आखिर परीक्षा केंद्र को गुरुकुल विद्यालय हाजीपुर से बदल कर जीए इंटर कॉलेज क्यों कर दिया गया? इसके साथ ही जीए इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र पर केंद्राधीक्षक व वीक्षक क्यों बदले गये थे. एसआइटी ने यह पत्र 11 अगस्त को ही डीएम को भेजा था, लेकिन 12 दिन होने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला.
बनाये गये अप्राथमिकी आरोपित : औरंगाबाद के पंचायती राज पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद अग्रवाल को भी साढ़े आठ करोड़ की उत्तरपुस्तिका के मामले में अप्राथमिकी अभियुक्त बना लिया गया है. पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट हासिल करेगी. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि उसे पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. जल्द ही उसके खिलाफ वारंट भी मिल जायेगा.
पटना. पूर्व बिहार बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद, सचिव हरिहरनाथ झा, स्टोरकीपर विकास व रद्दी कागज के ठेकेदार राजकिशोर गुप्ता को एसआइटी ने रिमांड पर ले लिया है. लालकेश्वर व हरिहरनाथ ने जहां साढ़े आठ करोड़ की उत्तरपुस्तिका मामले में संलिप्तता से इनकार कर दिया, वहीं विकास व राजकिशोर गुप्ता ने एसआइटी को कई अहम जानकारियां दी हैं.
इन लोगों से पूछताछ के पीछे एसआइटी का यह मकसद है कि गुजरात की कंपनी बिंदिया इंटरप्राइजेज की साढ़े आठ करोड़ रुपये कीमत की उत्तरपुस्तिका को बरामद किया जा सके, क्योंकि फिलहाल मात्र चार टन उत्तरपुस्तिकाएं हिंदुस्तानी अवामी मोरचा के औरंगाबाद के जिलाध्यक्ष अजय कुमार सिंह के घर से बरामद की गयी हैं, जबकि पूरी उत्तरपुस्तिकाएं चार सौ टन थीं.
जिस समय विकास को पकड़ा गया था, उस समय उसने अपनी तबीयत खराब होने की जानकारी बता कर पुलिस को कोई भी जानकारी नहीं दी थी. इसके बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था. लेकिन, राजकिशोर ने पूछताछ में एसअाइटी को जो जानकारी दी, उसके आधार पर ही चार टन उत्तरपुस्तिकाएं बरामद करने में सफलता मिली थी. अब एसआइटी उन सभी को आमने-सामने लाकर पूछताछ करेगी.

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