जिलों में बालू खनन के लिए लेनी होगी डिया से अनुमति
पटना. जिलों में मनमाने तरीके से बालू खनन करना अब संभव नहीं होगा. अब तक बालू खनन के लिए पाॅल्यूशन क्लियरेंस राज्य पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण से लेना पड़ता था. पाॅल्यूशन कंट्रोल के लिए प्राधिकरण की अब जिलों में भी स्थापना होगी. खान-भूतत्व विभाग में इस पर गंभीर मंथन हो रहा है. पाॅल्यूशन क्लियरेंस न […]
पटना. जिलों में मनमाने तरीके से बालू खनन करना अब संभव नहीं होगा. अब तक बालू खनन के लिए पाॅल्यूशन क्लियरेंस राज्य पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण से लेना पड़ता था. पाॅल्यूशन कंट्रोल के लिए प्राधिकरण की अब जिलों में भी स्थापना होगी. खान-भूतत्व विभाग में इस पर गंभीर मंथन हो रहा है. पाॅल्यूशन क्लियरेंस न लेने के कारण छह माह पहले राज्य पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (सिया) ने बालू खनन पर रोक लगा दी थी.
तब सभी जिलों में बालू खनन को ले कर हाहाकार मचा था. पाॅल्यूशन क्लियरेंस मिलने के बाद ही सभी खनन पट्टों से बालू खनन की स्वीकृति मिली थी. सिया का कार्यालय चूंकि पटना मुख्यालय में है, इसको ले कर बालू खनन का पाॅल्यूशन क्लियरेंस लेने में बालू उद्यमियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. जिलों में सिया का कार्यालय खुलने के बाद बालू खनन के लिए तय समय पर पॉल्यूशन क्लियरेंस मिल जायेगा. जिलों में ‘सिया’ का नाम ‘डिया’ होगा. खान मंत्री मुनेश्वर चौधरी ने भी स्वीकार किया है कि जिलों में ‘डिया’ का कार्यालय खोलने के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है.