संवाददाता, पटना
लोकसभा चुनावों में इस बार सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक टिप्पणियों की बाढ़ रही. ढाई महीने से अधिक समय तक चले चुनाव के दौरान बिहार पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेल को 184 शिकायतें मिलीं, जिनमें 85% मामलों में सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने से जुड़े कंटेंट पाये गये. शेष 15% मामले अभद्र भाषा, फेक आइडी तथा जातिगत टिप्पणियों से जुड़े रहे. सोशल मीडिया के विभिन्न हैंडलों के माध्यम से लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने के इन मामलों में बिहार पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की.
24 मामलों में हुई एफआइआर, चार में कंटेंट हटाये गये
पुलिस मुख्यालय ने मिली सभी शिकायतों की जांच के बाद 24 मामलों में एफआइआर दर्ज की, जबकि चार मामलों में आइटी एक्ट की धारा 69 (ए) के तहत कार्रवाई की गयी. इस एक्ट में केंद्र और राज्य सरकार को इंटरनेट सेवा प्रदाताओं, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, वेब होस्टिंग सर्विसेज, सर्च इंजन, ऑनलाइन मार्केटप्लेस को कोई भी कंटेंट ब्लॉक करने की अनुमति देने का अधिकार है. चुनाव में पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया माॅनीटरिंग यूनिट नजर रख रही थी.
7.35 करोड़ नकद सहित 87.36 करोड़ मूल्य की सामग्रियां जब्त
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पूरे चुनाव के दौरान राज्य में सभी एजेंसियों ने मिल कर 213.45 करोड़ मूल्य की सामग्रियां बरामद कीं, जो 2019 में हुई 15 करोड़ रुपये मूल्य की बरामदगी से कहीं अधिक है. सिर्फ बिहार पुलिस ने 7.35 करोड़ की नकदी सहित 87.36 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सामग्रियां जब्त कीं. इस चुनाव में 8.13 लाख लीटर अवैध शराब, 5365 किग्रा मादक पदार्थ और 35.19 किग्रा बहुमूल्य धातु जब्त हुई. इसके साथ ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के 359 मामले दर्ज हुए.
36 पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों की चुनाव के दौरान हुई मौत
इस चुनाव में 36 पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों की मौत हुई. यह मृत्यु दुर्घटना व अत्याधिक गर्मी के कारण हुई. इनमें दो दरोगा, चार एएसआइ, दो हवलदार, छह सिपाही, 14 गृहरक्षक, एक चौकीदार तथा केंद्रीय सुरक्षा बल के सात जवान शामिल रहे.
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