10 जिलों के डीएम नहीं खोज सके विवाहित जोड़े

अंतरजातीय विवाह योजना Â 14 जिलों ने नहीं खर्च की एक भी पाई, परफॉरमेंस खराब होने के कारण चार जिलों को नहीं मिली थी राशि रविशंकर उपाध्याय पटना : बिहार में दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए बनायी गयी अंतरजातीय विवाह योजना को जिलाधिकारी ही पीछे करने में तुले पड़े हुए हैं. प्रदेश के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2016 6:25 AM
अंतरजातीय विवाह योजना Â 14 जिलों ने नहीं खर्च की एक भी पाई, परफॉरमेंस खराब होने के कारण चार जिलों को नहीं मिली थी राशि
रविशंकर उपाध्याय
पटना : बिहार में दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए बनायी गयी अंतरजातीय विवाह योजना को जिलाधिकारी ही पीछे करने में तुले पड़े हुए हैं. प्रदेश के 38 जिलों में से 10 जिलों ने पिछले साल दिये गये राशि में एक पाई भी खत्म नहीं की. चार जिलों का पहले से परफॉरमेंस खराब था, इस कारण उन्हें एक भी पाई नहीं मिली थी. यानी कुल 14 जिले ऐसे हैं, जहां एक भी पाई नहीं खत्म किया जा सकता. जबकि वित्तीय वर्ष 2015-16 में एक करोड़ रुपये सरकार ने इसके लिए सभी जिलों को मिला कर जारी किया था. सरकार को यह उम्मीद थी कि इस राशि को वितरण कर वे ऐसे लोगों को जागृत कर सकते थे, जो दहेज के लिए शादी करते हैं. उन्हें अंतरजातीय शादी के जरिये समाज काे सकारात्मक संदेश दिया जाये, लेकिन उन जिलों के डीएम ने इस राशि को खर्च करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखायी.
प्रमंडल के तीन-तीन जिलों ने नहीं खर्च की राशि
मुंगेर और पूर्णिया प्रमंडल का हाल बेहद खराब रहा. दोनों प्रमंडल के छह में से तीन तीन जिलों ने राशि नहीं खर्च की. मुंगेर के खगड़िया, जमुई और बेगूसराय, वहीं पूर्णिया के कटिहार, अररिया और किशनगंज का परिणाम सिफर रहा. भागलपुर में बांका, तिरहुत में पूर्वी चंपारण, सारण में सीवान और गोपालगंज ने एक भी रुपये नहीं खर्च किये. जहानाबाद, सीतामढ़ी, शिवहर और मधेपुरा को पैसा नहीं मिला.
पटना प्रमंडल में 56 जोड़ों को दिया लाभ
पटना और दरभंगा प्रमंडल के सभी जिलों ने वैवाहिक जोड़े ढूंढ निकाले. पटना में कुल 56 जोड़ों को इस योजना का लाभ दिया गया. पटना में सर्वाधिक 35 जोड़े, नालंदा में दस जोड़े, बक्सर, रोहतास में चार चार, कैमूर में दो और भोजपुर में एक जोड़े को इस योजना का लाभ मिला. दरभंगा प्रमंडल के मधुबनी में 16 जोड़े, दरभंगा जिले में 8 जोड़े और समस्तीपुर में 6 जोड़ों को इसका लाभ मिला.
राशि जो खर्च नहीं हुई
पूर्वी चंपारण 6 लाख रुपये
गोपालगंज 4 लाख रुपये
कटिहार 5 लाख रुपये
जमुई 3 लाख रुपये
अररिया 2 लाख रुपये
किशनगंज 2 लाख रुपये
कटिहार 2 लाख रुपये
खगड़िया 2 लाख रुपये
बांका 2 लाख रुपये
बेगूसराय 1 लाख रुपये
सीवान 1 लाख रुपये
क्या है योजना
योजना के तहत एक लाख रुपये की जोड़े को मिलती है. पहले यह पचास हजार रुपये प्रति जोड़े को मिलते थे और उसके पहले 25 हजार रुपये. इस योजना का लाभ पाने के लिए जोड़े को अपना विवाह निबंधन प्रमाणपत्र और आवासीय के साथ अपने प्रखंड में आवेदन देना होता है. कम से कम तीन साल तक इस जोड़े को विवाह को कायम रखना होता है. लड़की के नाम से दिये जाने वाले चेक की परिपक्वता अवधि भी तीन साल ही होती है.

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