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अनुपयोगी शौचालयों की होगी समीक्षा : श्रवण कुमार

पटना : राज्यभर में तैयार कराये गये 16 लाख 70 हजार शौचालय अनुपयोगी हो गये है. इन शौचालयों को उपयोगी बनाना सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है. राज्य सरकार अनुपयोगी बन चुके शौचालयों को उपयोगी बनाने की समीक्षा कर रही है. ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि अनुपयोगी हो चुके […]

पटना : राज्यभर में तैयार कराये गये 16 लाख 70 हजार शौचालय अनुपयोगी हो गये है. इन शौचालयों को उपयोगी बनाना सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है. राज्य सरकार अनुपयोगी बन चुके शौचालयों को उपयोगी बनाने की समीक्षा कर रही है. ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि अनुपयोगी हो चुके शौचालयों को उपयोगी बनाने की समीक्षा किया जा रहा है.
विभाग ऐसे प्रावधान की तलाश कर रहा है जिससे अनुपयोगी हो चुके शौचालय वाले परिवारों के पास भी शौचालय उपलब्ध हो सके. इतनी बड़ी संख्या में अगर परिवार शौचालय का उपयोग नहीं कर खुले में शौच का सहारा लेंगे तो राज्य को खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता. इसके अलावा राजगीर व सासाराम जिला का एक प्रखंड भी दो अक्तूबर तक खुले में शौच से मुक्त हो जायेगा. साथ ही दो अक्तूबर तक राज्य के कई पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
पूर्व राज्यपाल किदवई शिक्षाविद् व लोकप्रिय राजनेता थे : ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने बिहार के पूर्व राज्यपाल एआर किदवई के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने शोक संदेश में कहा है कि स्व किदवई प्रख्यात शिक्षाविद् व लोकप्रिय राजनेता थे.
उनके निधन से सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है. राज्य में वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान राज्य के सभी जिलों के 1999 पंचायतों में 41 लाख 26 हाजर 766 परिवारों को शौचालय सुविधा का लाभ दे देना है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के सात निश्चय में स्वच्छ बिहार की कल्पना की गयी है. पूरे राज्य को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए लोहिया स्वच्छता अभियान व स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में कुल दो करोड़ 13 लाख परिवार हैं. इनमें से करीब एक करोड़ 60 लाख परिवारों के पास शौचालय नहीं है.
उन्होंने बताया कि पूर्व में निर्मित कराये गये 16 लाख 70 हजार शौचालय या तो पूर्ण रूप से निर्मित नहीं किये गये या निर्माण के बाद खराब पड़े हैं. पूर्व में चलाये गये स्वच्छता अभियान के कारण राज्य के 59 पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है.अब इन पंचायतों में शौचालय की योजनाएं स्वीकृत नहीं होंगी. व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए प्रति परिवार 12 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है.
इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत स्वीकृत होनेवाले आवासों में शौचालय और रसोई का प्रावधान किया गया है. वित्तीय वर्ष 2016-17 के तहत राज्य में चाल लाख 76 हजार प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण कराना है. इससे चार लाख 76 हजार अतिरिक्त शौचालयों का निर्माण होगा. साथ ही लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत न सिर्फ व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण होगा बल्कि पंचायत में सामुदायिक स्वच्छता भवन (शौचालय) के निर्माण का भी प्रावधान किया गया है. इसके लिए प्रति पंचायत नौ लाख रुपये का प्रावधान है.

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