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बिहार में बाढ़ से आफत : कटिहार-बरौनी के बीच ट्रेन सेवा बाधित
भागलपुर/पटना : गंगा के जल स्तर में कमी तो हो रही है, पर इसकी गति काफी धीमी है. वहीं, दूसरी ओर नवगछिया व कटिहार में स्थिति में कोई सुधार नहीं है. रविवार को नवगछिया स्टेशन के पास ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे कटिहार-बरौनी रेलखंड पर ट्रेन परिचालन बाधित हो गया. 17 ट्रेनों का मार्ग बदल […]
भागलपुर/पटना : गंगा के जल स्तर में कमी तो हो रही है, पर इसकी गति काफी धीमी है. वहीं, दूसरी ओर नवगछिया व कटिहार में स्थिति में कोई सुधार नहीं है. रविवार को नवगछिया स्टेशन के पास ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे कटिहार-बरौनी रेलखंड पर ट्रेन परिचालन बाधित हो गया.
17 ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया, जबकि कुछ को रद्द कर दिया गया. मरम्मत के बाद रविवार की देर रात अप ट्रैक पर परिचालन शुरू हो सका, लेकिन डाउन ट्रैक पर परिचालन अब भी ठप है. वहीं, कटिहार जिले के कुरसेला का गुमटी टोला रिंग बांध टूटने के बाद दर्जनों गांवों में पानी भर गया है. चार दिन पहले नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर प्रखंड स्थित गंगाप्रसाद तटबंध लक्ष्मीपुर के पास टूट जाने से बाढ़ का पानी एनएच के भामरा होते हुए रेल लाइन तक आ पहुंचा था. करीब दो दिनों से रेल लाइन पर अत्यधिक दबाव था.
रविवार की दोपहर दो बजे नवगछिया स्टेशन के पूर्वी केबिन के पास ट्रैक के नीचे से करीब 10 फुट तक जमीन खिसक गयी. आपात स्थिति में डाउन ट्रैक पर आ रही महानंदा एक्सप्रेस को नवगछिया स्टेशन से ही लौटा दिया गया, तो अप ट्रैक पर आ रही पैसेंजर ट्रेन को कटारिया स्टेशन से लौटा दिया गया है. ट्रैक धंसने की सूचना पर सोनपुर रेल मंडल के डीआरएम एनके अग्रवाल मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि अप ट्रैक को दुरुस्त कर लिया गया है. रात 8:55 बजे अप ट्रैक पर राजेंद्र नगर टर्मिनल कामाख्या कैपिटल एक्सप्रेस का परिचालन कराया गया. डीआरएम ने कहा कि सोमवार तक डाउन ट्रैक पर भी परिचालन शुरू हो सकता है. इसके लिए काम चल रहा है. इधर नवगछिया स्टेशन पर यात्रियों का बुरा हाल रहा.
कटिहार में आधा दर्जन से अधिक प्रखंड बाढ़ से ग्रस्त हैं. कुरसेला के गुमटी टोला रिंग बांध टूटने के बाद समेली सहित आसपास के करीब दो दर्जन गांवों में पानी भर गया है. मनिहारी में सिगनल टोला के पास ट्रैक को बचाने के लिए रविवार को भी विभागीय अधिकारी जुटे रहे, जबकि मनिहारी के रामायणपुर स्थित स्लुइस गेट के पास स्थिति नाजुक बनी हुई है. यहां भी बालू भरे बोरे व बोल्डर का भंडारण किया जा रहा है. बरारी में सभी स्पर व तटबंधों पर पानी का अत्यधिक दबाव होने के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है. कई तटबंध व स्पर पर कटाव लगातार जारी है. बाढ़ से बरारी, कुरसेला, समेली, मनिहारी, अमदाबाद, मनसाही, कोढ़ा आदि प्रखंडों की स्थिति गंभीर बनी हुई है.मुंगेर में गंगा का जल स्तर काफी धीमी गति से घट रहा है़
शनिवार को जहां प्रत्येक दो घंटे में एक सेंटीमीटर जल स्तर घट रहा था, वहीं रविवार को यह रफ्तार और धीमा हो गया और प्रत्येक तीन घंटे पर एक सेंटीमीटर की कमी दर्ज की जा रही है. हाल यह है कि अब भी गंगा खतरे के निशान से 55 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है़ अब भी जिले के दर्जनों गावों का सड़क संपर्क भंग है. केंद्रीय जल आयोग की मानें तो गंगा के जल स्तर में फिलहाल बढ़़ोतरी होने की कोई संभावना नहीं है, लेकिन जल स्तर में कमी आने की रफ्तार भी अभी धीमी ही रहेगी़
लखीसराय में गंगा के जल स्तर में में हल्की कमी जरूर आ रही है, लेकिन हरूहर नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा है. इससे प्रखंड में बाढ़ के हालत यथावत बने हुए हैं. सरकारी स्तर से कुछ ही जगहों पर राहत शिविर चलाया जा रहा है, बाकी भगवान भरोसे हैं.
कामख्या एक्स रही रद्द
पटना. राजेंद्रनगर टर्मिनल से गुवाहाटी जानेवाली कामाख्या एक्सप्रेस रविवार को रद्द कर दिया गया. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ गया. वहीं, दूसरी ओर कैपिटल एक्सप्रेस को कटिहार, मालदा, किऊल होते हुए रवाना किया गया. यह जानकारी पूर्व मध्य रेलवे के सीपीओ एके रजक ने दी.
कौन-कौन नदियां बह रही डेंजर-लेबल से ऊपर
नदी जिला डेंजर-लेबल से ऊपर कल तक कितनी कमी
गंगा बक्सर 77सेमी 54 सेमी
गंगा दीघा घाट 95सेम 15सेमी
गंगा गांधी धाट 126 सेमी 15 सेमी
गंगा मोकामा 112 सेमी 07 सेमी
गंगा भागलपुर-कहलगांव 175 सेमी 09 सेमी
सोन मनेर 96 सेमी 15 सेमी
पुनपुन पटना 74 सेमी 77सेमी
बूढ़ी गंडक खगड़िया 202 सेमी 09 सेमी
कोसी कटिहार 153 सेमी 10 सेमी
राहत शिविरों में बाढ़पीड़ितों व पशुओं का होगा रजिस्ट्रेशन
पटना : राहत शिविरों में अब सभी बाढ़पीड़ितों के साथ-साथ पशुओं का भी रजिस्ट्रेशन होगा. इसके लिए राहत शिविरों में अलग से रजिस्ट्रेशन काउंटर खोले जायेंगे और रजिस्ट्रेशन सह नियंत्रण कक्ष चलेगा. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ग्रस्त 12 जिलों (बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर व कटिहार) के डीएम को निर्देश दिया है.
विभाग के संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार ने निर्देश दिया है कि बाढ़पीड़ितों के रजिस्ट्रेशन के अलावा वहां ध्वनि विस्तारक यंत्र की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. साथ ही बाढ़पीड़ितों के नास्ता-भोजन बनाने वाले, परोसने और राहत शिविर की साफ-सफाई के लिए वहां रहनेवाले बाढ़पीड़ितों में वोलेंटियर का चयन किया जाये और इसके लिए हर दिन प्रति वोलेंटियर 200 रुपये दिये जाएं. पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा की व्यवस्था करने, दवाओं के साथ पशु चिकित्सक नियुक्त करने और पशुओं को रखने के लिए शेड की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है.
राजधानी समेत 17 ट्रेनों के बदले मार्ग
15484 महानंदा एक्सप्रेस- मानसी, सहरसा के रास्ते
15635 द्वारिका एक्सप्रेस – शक्तिगढ़ मुंगेर ब्रिज होकर
15708 आम्रपाली एक्सप्रेस – मानसी, सहरसा के रास्ते
15645 मुंबई एलटीटी गुवाहाटी एक्सप्रेस- शक्ति नगर मुंगेर ब्रिज होते जायेगी
12488 सीमांचल एक्सप्रेस – मानसी, सहरसा के रास्ते
19601 जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस – बरौनी, किऊल से
12506 नाॅर्थ इस्ट एक्सप्रेस – झाझा, आसनसोल होकर
12424 डिब्रूगढ़ राजधानी एक्स-झाझा, आसनसोल से
12436 डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस डाउन- मानसी, सहरसा के रास्ते जायेगी
22412 न्यू दिल्ली एसी सुपर फास्ट एक्सप्रेस- बरौनी, झाझा व आसनसोल होते जायेगी
15646 गुवाहाटी मुंबई एक्सप्रेस- आसनसोल झाझा होते हुए जायेगी
15483 महानंदा एक्सप्रेस- आसनसोल झाझा के रास्ते
13245 कैपिटल एक्सप्रेस -आसनसोल झाझा होकर
बाढ़पीड़ितों के रहने तक चलते रहेंगे राहत शिविर : मुख्यमंत्री
भागलपुर/पूर्णिया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को भागलपुर के शहरी क्षेत्रों में पांच बाढ़ राहत शिविरों का दौरा किया और राहत कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बाढ़पीड़ित जब तक राहत शिविरों में रहेंगे, तब तक सरकार उन्हें भोजन, पशुओं को चारा आदि की सुविधा दी जायेगी. जो लोग राहत शिविर में नहीं आ पाये हैं, उनके घरों पर ूभोजन सामग्री पहुंचेगी.
इसकी व्यवस्था भी सरकार ने की है. भागलपुर के बाद मुख्यमंत्री ने सीमांचल के बाढ़ग्रस्त इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया. हवाई सर्वेक्षण के बाद उन्होंने पूर्णिया प्रमंडल के चाराें जिलों के डीएम व एसपी के साथ बैठक कर दिशानिर्देश दिये.
मुख्यमंत्री ने भागलपुर के सबौर हाइस्कूल स्थित राहत शिविर में पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर जरूरत हो, तो शिविर में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल जाने के पहले भी चेक उपलब्ध कराएं और फिर अस्पताल में भरती कराएं. सीएम ने कहा कि गंगा का जल स्तर घट रहा है, लेकिन उसके खतरे के निशान से नीचे आने में आठ से 10 दिन लगेंगे. राहत शिविर में रहनेवाले लोग पानी के कम होने पर ही घर लौट सकेंगे. अगर राहत शिविर को अगले 15 दिनों तक चलाना पड़े, तो इसके लिए भी सरकार तैयार है. कोसी त्रासदी में राहत शिविर महीने भर तक चलाये गये थे.
उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे शिविर, जहां अधिक बाढ़पीड़ित आ गये हैं, वहां पर अलग शेड बनाया जाये. गरमी होने के कारण उन शेड में पंखा भी लगाया जाये. पशुओं के रहने के लिए त्रिपाल युक्त शेड बनाया जाये. खुले आसमान के नीचे पशुओं में बीमारी फैलने की आशंका होती है. सभी शिविर में विस्थापितों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जायेगा. हर जगह मेडिकल टीम स्वास्थ्य जांच कर रही है. उनके साथ प्रभारी मंत्री ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रभारी सचिव चंचल कुमार आदि उपस्थित थे.
टीएमबीयू गेस्ट हाउस के सामने सीएम का घेराव
टिल्हा कोठी में रह रहे बाढ़पीड़ितों ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस के सामने से गुजर रहे मुख्यमंत्री के वाहन का घेराव कर लिया. बाढ़पीड़ितों ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे उनके शिविर का हाल भी देखते हुए जाएं. वे किस हाल में रह रहे हैं, इसे एक बार देख लें. इस पर मुख्यमंत्री ने एसडीओ को बुला कर फटकार लगायी और कहा कि राहत कैंप पर क्यों नहीं नजर रख रहे हैं. मंत्री जी के साथ जाकर देखिए और व्यवस्था दुरुस्त कीजिए.
राहत कार्य में कोताही बरदाश्त नहीं
पूर्णिया में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि बाढ़पीड़ितों को हर हाल में राहत पहुंचाया जाये.कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने अधिकारियों को इस बाबत कई आवश्यक निर्देश दिये. लगभग डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि किशनगंज जिले में बाढ़ का जल स्तर घटता जा रहा है, जबकि पूर्णिया और अररिया में स्थिति गंभीर बनी हुई है.
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