BJP सांसद छेदी पासवान की सदस्यता रद्द करने पर SC ने लगायी रोक

नयी दिल्ली/पटना : बिहार में रोहतास जिलेके सासाराम से भाजपा सांसद छेदी पासवान की लोकसभा सदस्यता रद्द करनेकेपटना हाई कोर्ट के फैसले परसोमवारको सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगादी है. सुप्रीम कोर्ट नेयहरोक आज इस मामले में छेदी पासवान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए लगायी है. मालूम हो कि पिछले दिनों पटनाहाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2016 1:58 PM

नयी दिल्ली/पटना : बिहार में रोहतास जिलेके सासाराम से भाजपा सांसद छेदी पासवान की लोकसभा सदस्यता रद्द करनेकेपटना हाई कोर्ट के फैसले परसोमवारको सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगादी है. सुप्रीम कोर्ट नेयहरोक आज इस मामले में छेदी पासवान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए लगायी है.

मालूम हो कि पिछले दिनों पटनाहाई कोर्ट ने छेदी पासवान की संसद सदस्यता को निरस्त करने के आदेश दियेथे. छेदी पासवान पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव के दौरान नामांकन पत्र के साथ जमा करायेगये शपथपत्र में अपने खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई के बाद अंतिम फैसला होगा. तब तक पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक रहेगी.

पासवान पर आपराधिक मामले छुपाने का आरोप
छेदी पासवान पर लोकसभा चुनाव में नामांकन के समय दिये गये शपथपत्र में अपने खिलाफ चल रहे तीन आपराधिक मामलों की चर्चा नहीं करने का आरोप था. उनके खिलाफ मोहनिया पुलिस थाने में 168/06, 28/05 व 206/05 दर्ज हैं. कोर्ट ने छेदी पासवान के खिलाफ 2014 के लोकसभा चुनाव में सासाराम से खड़े सभी उम्मीदवारों की गवाही करायी थी. सबों ने यह कहा था कि छेदी पासवान ने अपने शपथपत्र में तीन आपराधिक मामलों की चर्चा नहीं की थी. खुद छेदी पासवान ने भी सुनवाई के दौरान स्वीकार किया था कि उन्होंने शपथपत्र में इसका जिक्र नहीं किया था. कोर्ट ने सभी पक्षों की बात सुनने के बाद तीन मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट का यह फैसला 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद दायर चुनाव याचिकाओं में पहला मामला है.

सासाराम से तीसरी बार चुने गये थे सांसद
छेदी पासवान तीसरी बार सासाराम से सांसद निर्वाचित हुए थे. जनता दल के टिकट पर वह वर्ष 1989 व 1991 में सांसद बने थे. पिछले लोकसभा चुनाव के ठीक पहले वह जदयू से भाजपा में शामिल हो गये थे और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को हरा कर तीसरी बार संसद पहुंचे थे. इससे पहले छेदी पासवान पहली बार 1985 में लोकदल के टिकट पर रोहतास जिले के चेनारी से विधायक चुने गये थे.

1996 में भाजपा के मुन्नीलाल से लोकसभा चुनाव हारने के बाद 2000 में वह राजद के टिकट पर चेनारी से एक बार फिर विधायक बने और राबड़ी सरकार में 2000 से 2004 तक मंत्री रहे. लेकिन, 2005 में वह जदयू में चले गये और फरवरी, 2005 में विधानसभा चुनाव में मोहनिया से किस्मत आजमायी, लेकिन हार गये. खंडित जनादेश के बाद नवंबर, 2005 में जब फिर विधानसभा चुनाव हुआ, तो उन्होंने मोहनिया से बसपा के बाहुबली सुरेश पासी को हरा दिया. 2008 से 2010 तक वह नीतीश सरकार में मंत्री रहे. 2010 में एक बार फिर जदयू के टिकट पर मोहनिया से विधायक बने. लेकिन, 2014 में लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा का दामन थाम लिया.

इन मामलों को छिपाया
1. मोहनिया थाना कांड संख्या 168/06 : यह दुर्गावती जलाशय को लेकर धरना-प्रदर्शन कर जीटी रोड जाम करने से जुड़ा है.
2. मोहनिया थाना कांड संख्या 28/05
3. मोहनिया थाना कांड संख्या 206/05 : ये दोनों मामले चुनाव आचार संहिता से संबंधित हैं
आपराधिक रिकॉर्ड छिपा कर चुनाव जीतने के बाद पटना हाइकोर्ट में महराजगंज के भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, वैशाली के लोजपा रामा सिंह के खिलाफ भी केस हाइकोर्ट में चल रहा है. इनके केस में भी नामांकन पत्र के साथ इन मामलों की जानकारी नहीं देने को मुख्य आधार बनाया गया है.

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