सारण (छपरा कोर्ट) : छपरा मिड डे मील कांड में कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है. जानकारी के मुताबिक तत्कालीन प्रधान शिक्षिका मीना देवी को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने 17 साल की सजा सुनाई है. शिक्षिका पर तीन लाख 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. एक धारा में दस साल की सजा सुनायी गयी है. वहीं एक में सात साल की सजा सुनायी गयी है. धारा 304 में दस साल की सजा और ढाई लाख रुपया जुर्माना. धारा 308 में सात साल की सजा और सवा लाख रुपया जुर्माने की सजा सुनायी गयी है. दोनों सजा अलग-अलग चलेगी.
24 अगस्त को हुई थी सुनवाई
इससे पूर्व मशरक के गंडामन धर्मासती स्थित विद्यालय में विषाक्त मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत के मामले में कोर्ट ने तत्कालीन प्रधान शिक्षिका मीना देवी को दोषी करार दिया था. वहीं, कोर्ट ने मीना देवी के पति अर्जुन राय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय विजय आनंद तिवारी ने अधिवक्ताओं से खचाखच भरे न्यायालय में गंडामन मामले में फैसला सुनाते हुए मुख्य अभियुक्त व विद्यालय की तत्कालीन प्रधान शिक्षिका मीना देवी को भादवि की धारा 304 और 308 के तहत दोषी करार दिया था.
क्या था पूरा मामला?
सारण जिले के मशरक प्रखंड के धर्मासती गंडामन स्कूल में 16 जुलाई 2013 को विषाक्त मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गयी थी. और दर्जन भर बच्चे बीमार हो गये थे. इस घटना का शिकार हुए आशीष के पिता अखिलानंद मिश्र ने मशरक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए मीना देवी समेत अन्य अज्ञात को अभियुक्त बनाया था. इसी महीने 24 अगस्त बुधवार को न्यायाधीश ने प्रधान शिक्षिका पर लगे भादवि की धारा 302, 307 और 328 को हटाते हुए उसे 304 और 308 में दोषी करार दिया था.