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385 दिनों में भी नहीं खरीदीं दवाएं
पटना : राज्य की सरकारी अस्पतालों में दवा खरीद के लिए शुरू की गयी प्रक्रिया का 385 दिन गुजर गये. अभी तक 235 दवाओं की खरीद की बात कौन कहे उसके दर निर्धारण की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई. बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएमएससीआइएल) द्वारा राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो से […]
पटना : राज्य की सरकारी अस्पतालों में दवा खरीद के लिए शुरू की गयी प्रक्रिया का 385 दिन गुजर गये. अभी तक 235 दवाओं की खरीद की बात कौन कहे उसके दर निर्धारण की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई. बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएमएससीआइएल) द्वारा राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो से लेकर सदर अस्पतालों तक की दवा खरीद के लिए नौ अगस्त 2015 को टेंडर जारी किया था. निगम को विभिन्न कंपनियों की दवाओं का दर का निर्धारण करना था. इस दर के आधार पर ही जिलों द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुसार दवाओं की खरीद की जानी थी. वर्तमान में जिलों द्वारा ही स्थानीय स्तर पर दवाओं की खरीद की जा रही है.
वर्ष 2014-15 में राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दवाओं की खरीद की जाती थी. राज्य स्तर पर खरीद की गयी दवाओं और उपकरणों के रख रखाव और वहां से जिलों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आपूर्ति के लिए राज्य में तीन ड्रग वेयर हाउसों की स्थापना की गयी. पूरे बिहार में दवाओं की आपूर्ति के लिए पटना जिला में बाजार समिति, फतुहा, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया में वेयर हाउस की स्थापना की गयी. उस दौरान जो दवाओं खरीदी गयी उसी की आपूर्ति वेयर हाउसों द्वारा की गयी. वर्तमान समय में तीनों वेयर हाउस में नाम मात्र की दवाएं शेष रह गयी है. अगस्त 2015 में जिन 235 दवाओं के लिए टेंडर जारी किया गया था उसके लिए इ-टेंडर के माध्यम से 50 संस्थानों ने भाग लिया था. इसके बाद इन संस्थानों द्वारा सौंपे गये डॉक्यूमेंट की जांच के लिए औषधि निरीक्षकों की छह लोगों की टीम को लगाया गया.
औषधि निरीक्षकों द्वारा दिये गये रिपोर्ट के आधार पर आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड की राज्य मूल्यांकन समिति द्वारा निर्णय तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार किया गया. इस रिपोर्ट को निगम के वेबसाइट पर अपलोड करते हुए 27 जनवरी 2016 तक आपत्तियों की मांग की गयी. स्वास्थ्य विभाग का कोई भी पदाधिकारी इस मुद्दे पर मुंह खोलने को तैयार नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के एमडी के प्रभार में हैं.
सचिव ने खरीद न होने पर जतायी थी चिंता
हाल के दिनों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ समीक्षा में केंद्रीयकृत दवाओं की खरीद न होने पर चिंता जतायी थी. उनका कहना था कि दवाओं की खरीद न होने पर काफी समस्या हुई है. उनका मानना था कि केंद्रीयकृत दवाओं की खरीद होने से ही मरीजों तक सस्ती दवाएं पहुंच सकती है.
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