छेदी को राहत, हाइकोर्ट के आदेश पर रोक

नेताओं को प्रत्येक अपराध की घोषणा करनी होगी या नहीं, गौर करेगा सुप्रीम कोर्ट नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पटना हाइकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें भाजपा सांसद छेदी पासवान के चुनाव को खारिज कर दिया गया था. साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2016 6:16 AM
नेताओं को प्रत्येक अपराध की घोषणा करनी होगी या नहीं, गौर करेगा सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पटना हाइकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें भाजपा सांसद छेदी पासवान के चुनाव को खारिज कर दिया गया था. साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह इस बात पर गौर करेगा कि क्या राजनीतिक नेताओं को नामांकन पत्र भरते समय हर अपराध का अनिवार्य रूप से उल्लेख करना होगा या केवल उनके खिलाफ दर्ज जघन्य अपराधों के बारे में बताना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी हाइकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाते हुए की, जिसमें सासाराम (सुरक्षित) लोकसभा सीट से पासवान के चुनाव को इसलिए खारिज कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामले के ब्योरे को दबा दिया था. पासवान ने 2014 के आम चुनाव में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पराजित किया था.
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति पी सी पंत की पीठ ने मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए कहा, ‘हमें गहराई में जाना होगा. यह एक गंभीर मुद्दा है. हमें यह देखना होगा कि क्या पूर्व आदेश के तहत प्रत्येक अपराध आयेगा या केवल गंभीर अपराध आयेंगे.’
पासवान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि उनके पास तीन मामले हैं, जिनमें से दो मामलों में छह माह की सजा है तथा तीसरा मामला प्रदर्शन के दौरान यातायात अवरुद्ध करने का है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई को जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है.
शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल पांच फरवरी को व्यवस्था दी थी कि एक प्रत्याशी, जिसने नामांकन प्रक्रिया के दौरान अपने आपराधिक मामलों को छिपाया था, उसका चुनाव रद्द कर दिया जायेगा. हाइकोर्ट ने 28 जुलाई को मतदाता गंगा मिश्रा की याचिका पर पासवान के चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया था.

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