भाजपा बोली, नौ करोड़ लेकर भी नहीं किया काम, प्रशांत किशोर करेंगे मानहानि का मुकदमा!

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 9.31 करोड़ के बाद भी बिहार का 2025 तक विजन डॉक्यूमेंट आजतक नहीं बना है. राज्य सरकार को अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री के परामर्शी प्रशांत किशोर का चार माह से पता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2016 6:26 AM

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 9.31 करोड़ के बाद भी बिहार का 2025 तक विजन डॉक्यूमेंट आजतक नहीं बना है. राज्य सरकार को अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री के परामर्शी प्रशांत किशोर का चार माह से पता नहीं है, ऐसे में उन्हें अपने पद से हट जाना चाहिए. नीति आयोग के निर्देश पर राज्यों को 15 साल का विजन डॉक्यूमेंट बनाना है. इस मामले पर प्रशांत किशोर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चुनावी रणनीतिकार ने राज्य में सुशील मोदी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने का फैसला किया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत किशोर के सहायकों का कहना है कि जिन नौ करोड़ रुपयों का जिक्रभाजपाकेसुशील मोदी कर रहे है, वे चुनाव से पहले चलाए गये ‘बढ़ चला बिहार’ अभियान पर खर्च हुए थे, जिसके तहत 40,000 ग्रामसभाएं आयोजित कर इस बात की जानकारी इकट्ठा की गयी थीकि लोग सरकार से किन कामों पर ध्यान देने की उम्मीद रखते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत किशोर के सहायकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि उस अभियान में खर्च की गयी रकम दो फर्मों को दी गयी थी, जिनका प्रशांत किशोर से कोई लेना-देना नहीं है.

इससे पहले मोदी मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. मोदी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय राज्य सरकार ने राज्य का 2025 तक का विजन डॉक्यूमेंट बनाने के लिए सिटीजन एलायंस को 39073 गांव और हो हजार हाट में लोगों से बात कर विजन डॉक्यूमेट बनाने का जिम्मा दिया था इसके लिए उसे 9.31 करोड़ भुगतान भी किया गया लेकिन आजतक यह नहीं बना है, मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि डॉक्यूमेंट बनाने का काम हो रहा है. असल में सिटीजन एलायंस का संबंध सीएम के परामर्शी प्रशांत किशोर से है. अगर विजन डॉक्यमेंट बन गया होता तो नीति आयोग के निर्देश पर राज्यों को 15 साल का जो विजन डॉक्यमेंट बनाना है उसे बनाने में आसानी होती.

इसके अलावा राज्य को सात साल का स्ट्रैटिजिक प्लान और तीन साल का एक्शन प्लान बनाना है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी 2030 तक के लिए 16 लक्ष्य निर्धारित किया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री के परामर्शी पिछले चार माह से अनुपस्थित है. 19 जनवरी को परामर्शी बनने के बाद एक- दो बार ही बिहार आये हैं. बिहार विकास मिशन की शासी निकाय की बैठक में भी वे 31 मई को नहीं आये.
असल में वे यूपी और पंजाब में कांग्रेस के चुनाव सलाहकार की भूमिका निभा रहे हैं. अब आंध्र के वाइएस आर के जगमोहन रेड्डी से उनका करार हुआ है.सीएम को बताना चाहिए के उनके परामर्शी ने बिहार के हित में उन्हें क्या सलाह दी. जब विजन डॉक्यूमेंट नहीं बना और सीएम को सलाह नहीं दे रहे हैं तो उन्हें अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए. मोदी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि शिवहर के जिलाधिकारी का जिस तरह का बयान मीडिया में आया है एेसे में नियम सम्मत उनपर कार्रवाई होनी चाहिए.
विजन डॉक्यूमेंट जल्द मिलेगा : संजय सिंह
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने विजय डाक्यूमेंट पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि वे अधीर ना हों, विजन डॉक्यूमेंट जल्द ही उनके हाथ में मिल जायेगा. नीतीश कुमार विजन डॉक्यूमेंट के मुताबिक ही काम कर रहे हैं.
जिस प्रशांत किशोर के प्रबंधन की वजह से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और बिहार में भी प्रशांत किशोर के गुर प्रबंधन को लोगो ने देख लिया है. अब दूसरे राज्यों में भी उनके प्रबंधन की मांग बढ़ी है तो इसमें बुराई क्या है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर के नाम से ही भाजपा अब घबराने लगी है.बिहार में बाढ़ राहत शिविर केंद्रीय मंत्रियों के लिए पिकनिक स्पॉट हो गया. जब मन करता है तब वह आते हैं, शिविर में खाना खाते हैं और सेल्फी लेते हैं. जब यहां से जाते है तो गुण गाते है केंद्र सरकार का.
उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों से उनका लेना-देना नही है. उन्हें अपनी फोटो किसी भी तरह से छप जाये इससे मतलब है. उन्होंने कहा कि सभी केंद्रीय मंत्री ध्यान दें कि बिहार की जनता सबकुछ देख रही है और समझ रही है. कहीं इनका गुस्सा भड़का तो फिर बिहार आना मुश्किल हो जायेगा.
सिंह ने कहा कि जिस तरह से बिहार में आपदा का संकट आ रहा है उसके मुताबिक तो केंद्र सरकार को इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देनी चाहिए. लेकिन भाजपा नेता ठंडे कमरे में बैठ कर इस पर राजनीति कर रहे हैं. मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से पीड़ितों के लिए धोती, साड़ी, सेनेटरी नैपकीन, बच्चों के कपड़े का वितरण किया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितों के बीच त्वरित साबुन, आइना, कंघी, सुगंधित तेल बांटा जा रहा है. यहां तक की बाढ़ राहत शिविरों में टीवी लगाया गया है ताकि लोगो का मनोरंजन हो सके. मुख्यमंत्री खुद राहत शिविरों में घुम रहे और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे रहे हैं.

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