हर दिन मेंटेनेंस, फिर भी बत्ती गुल

एक माह में 95 फीडरों को दुरुस्त किये जाने के बावजूद जारी है िबजली का आना-जाना पटना : गरमी हो या फिर बरसात, बिजली की मांग बढ़ते ही पेसू क्षेत्र के अधिकतर फीडर हांफने लगते हैं, जिससे 11 व 33 केवीए फीडर में भी फॉल्ट की संख्या बढ़ जाती है. साथ ही फीडर अधिक ट्रिप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2016 5:30 AM
एक माह में 95 फीडरों को दुरुस्त किये जाने के बावजूद जारी है िबजली का आना-जाना
पटना : गरमी हो या फिर बरसात, बिजली की मांग बढ़ते ही पेसू क्षेत्र के अधिकतर फीडर हांफने लगते हैं, जिससे 11 व 33 केवीए फीडर में भी फॉल्ट की संख्या बढ़ जाती है. साथ ही फीडर अधिक ट्रिप भी करने लगते हैं. इस स्थिति में दो घंटे बिजली आपूर्ति होती है, तो 15 मिनट के लिए बिजली गुल हो जाती है. वहीं, फीडर के 11 केवीए या 33 केवीए के जंफर कटा या फिर केबल पंक्चर हुआ, तो दो से चार घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है. यह स्थिति तब है, जब पेसू प्रशासन द्वारा रोजाना पांच से छह फीडरों के मेंटेनेंस किये जा रहे हैं.
शहरवासियों को निर्बाध बिजली मिले, इसको लेकर पेसू प्रशासन रोजाना 11 व 33 केवीए फीडरों का मेंटेनेंस कर रहा है. पेसू पश्चिम में 27 जुलाई से लेकर 27 अगस्त के बीच 95 फीडरों के मेंटेनेंस किये गये. इसमें एक दर्जन ऐसे फीडर हैं, जिनके दो-तीन बार मेंटेनेंस किये गये हैं. इस मेंटेनेंस के दौरान भी पेसू प्रशासन ने औसतन दो घंटे फीडर से बिजली आपूर्ति बंद की, जिससे फीडर के आपूर्ति क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप रही. इसके बावजूद शहरवासियों को निर्बाध बिजली नहीं मिल रही है.
यहां ट्रिपिंग की समस्या अधिक
कंकड़बाग के कुछ हिस्से, पूर्वी-पश्चिमी रामकृष्णा नगर, सिपारा, दशरथा, जय प्रकाश नगर, हरिचंद्र नगर, बेऊर, महावीर कॉलोनी, मीठापुर बी-एरिया, चांदपुर बेला, जनता रोड, कुम्हरार, संदलपुर, मुसल्लहपुर, महेंद्रू, राजेंद्र नगर, कदमकुअां, पूर्वी-पश्चिमी लोहानीपुर आदि, जहां ट्रिपिंग की समस्या अधिक है. पेसू अभियंता बताते हैं कि मेंटेनेंस कार्य रूटीन है. हालांकि, समस्या ओवर हेड वायर से है. होवर हेड वायर होने से छोटी-छोटी समस्या होने से ट्रिपिंग की समस्या अधिक है.

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