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लापरवाही की वजह से टूटे तीन बांध : सुशील मोदी
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य सरकार ने बरसात से पहले बांधों की सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया. इसके कारण तीन जगहों पर बांध टूट गया. इसके चपेट में लाखों लोग आ गये. खगड़िया, नवगछिया और भोजपुर जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण कर पटना लौटने के बाद उन्होंने […]
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य सरकार ने बरसात से पहले बांधों की सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया. इसके कारण तीन जगहों पर बांध टूट गया. इसके चपेट में लाखों लोग आ गये. खगड़िया, नवगछिया और भोजपुर जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण कर पटना लौटने के बाद उन्होंने कहा कि लक्ष्मीपुर गंगा जमींदारी बांध टूटने से नौगछिया बाजार में पानी आ गया.
जौनिया-जरलाही बांध टूटने से कुरसेला-समैली समेत दर्जनों पंचायतें जलमग्न हो गयी हैं. कटिहार में पचौरा-शिवगंज के बीच महानंदा बांध को प्रशासन की मौजूदगी में काट दिया गया. मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि नीतीश कुमार बंगाल के फरक्का बांध को तोड़ने की बात करते हैं. इसीलिए क्या बिहार में बांधों को टूटने के लिए छोड़ दिया गया था? जलप्रबंधन विशेषज्ञों के एक वर्ग का मत है कि नदियों पर बांध नहीं रहने चाहिए. सरकार अगर इससे सहमत है तो क्या निचले इलाकों में बसे लोगों का पुनर्वास किये बिना ही बांधों को काट दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि बाढ़पीड़ितों की सहायता के लिए केंद्र सरकार 75 फीसदी राशि देती है.
मात्र 25 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार का होता है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को लगभग 12 हजार रुपये मिलने चाहिए, लेकिन राज्य सरकार ने 6000 रुपये देने की अभी सिर्फ घोषणा की है. बाढ़ पीड़ितों की सहायता में नाकामी छिपाने के लिए नीतीश कुमार केंद्र पर बेतुके आरोप लगाते हैं. मोदी ने कहा कि हर पीड़ित परिवार को 5 किलो चावल और दो किलो आलू और एक किलो दाल के साथ नमक-हल्दी के पैकेट बांटने का प्रावधान है, लेकिन कहीं भी यह सहायता नहीं मिल रही है. बाढ़ से घिरे गांवों में नावों की कमी है. जो नाविक सेवा कर रहे हैं उन्हें मजदूरी नहीं मिल रही है. बड़े पशु के लिए 70 रुपये प्रतिदिन और छोटे पशु के लिए रोजाना 30 रुपये देने की बात थी, लेकिन इस चारा में भी घोटाला होता मालूम पड़ रहा है.
सर्टिफिकेट देने की दुकान बंद करें मोदी : संजय सिंह
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील
मोदी सर्टिफिकेट देने की दुकान बंद करें. बाढ़ के मसले पर जिस तरह से भाजपा नेताओं ने नाच किया है उसे जनता ने देखा है.
इस भयावह स्थिति में भी भाजपा नेता अपनी राजनीति ही करते रहे, जबकि नीतीश कुमार तमाम काम को छोड़कर सिर्फ और सिर्फ बाढ़ से पीड़ित लोगों की कैसे मदद की जाये, इसकी चिंता की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंजीनियर हैं, उनको पता है कि किस तरह से नदी अपना रुख बदल रही है. आज जो बहुत गंभीर स्थिति देख रहे हैं, वह कभी नहीं हुआ. इससे निजात पाने का एकमात्र रास्ता तलछट की सफाई है. राष्ट्रीय तलछट प्रबंधन नीति की जरूरत है.
सुशील मोदी को लगता है तो वो नीतीश कुमार ने यूं ही बात कही, तो सुशील मोदी को इसकी गंभीरता का अंदाजा नहीं है. ये आशंका है कि अगर प्रभावी तरीके से नहीं निबटा गया तो स्थिति और बदतर हो जायेगी और आगामी सालों में राज्य को ज्यादा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. मॉनसून के दौरान बिहार में सामान्य से 14 फीसदी कम बारिश हुई है, लेकिन नेपाल के अलावा मध्यप्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में भारी बारिश के बाद नदियों में पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के बड़े हिस्से में बाढ़ आयी हुई है.
उन्होंने कहा कि इस स्थिति के लिए फरक्का बांध और गंगा नदी में सिल्ट जमा होना ही बाढ़ के लिए जिम्मेदार है. सिल्ट के कारण गंगा में उतना पानी नहीं आ सकता, जितना पहले आता था. इससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है. पटना से लेकर पूरे बिहार में जहां-जहां बाढ़ पीड़ित हैं, वहां राहत का काम बेहतर तरीके से चलाया जा रहा है.
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