हड़ताल ने रोक दी राजधानी की रफ्तार, 18 हजार करोड़ का नुकसान

केंद्र व राज्य की नीतियों का विरोध. जरूरी सेवाआएं बािधत होने से आम लोग परेशान शुक्रवार को हड़ताल ने शहर की रफ्तार थाम ली. जगह-जगह पर संगठनों के प्रदर्शन के कारण आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा पटना : केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में शुक्रवार को सभी ऑटो व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2016 5:31 AM
केंद्र व राज्य की नीतियों का विरोध. जरूरी सेवाआएं बािधत होने से आम लोग परेशान
शुक्रवार को हड़ताल ने
शहर की रफ्तार थाम ली. जगह-जगह पर संगठनों के प्रदर्शन के कारण आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा
पटना : केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में शुक्रवार को सभी ऑटो व बस संगठन हड़ताल पर रहे. शहर के 22 हजार ऑटो व हजारों बसों ने अपनी सेवाएं बंद रखीं, जिससे शहर की रफ्तार थम गयी. स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर यात्री परेशान रहे. छात्र स्कूल व कॉलेज नहीं पहुंच सके. जबकि, कर्मचारी दोपहर बाद ऑफिस पहुंचे. शहर की हृदयस्थली कहे जाने वाले डाकबंगला चौराहे को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक जाम रखा गया. जेपी गोलंबर पर भी घंटों आवागमन बाधित रखा गया. निजी गाड़ियों को जबरन लौटा दिया जा रहा था.
परीक्षा देने आये छात्र रहे परेशान एसएससी की परीक्षा देने आये छात्रों को परीक्षा केंद्र पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. हड़ताल के दौरान चल रहे रिक्शा और निगम की बसें भी जबरन रोक दी गयीं. रिक्शे की हवा निकाल दी गयी, तो बसों से यात्रियों को जबरन उतार दिया गया. सुरक्षा कारणों के कारण निगम की अधिकतर बसें सड़कों पर नहीं उतरीं. सभी चौराहों पर ऑफिस जानेवाले कर्मी घंटों खड़े दिखे. राहत के नाम पर सिर्फ इ-रिक्शे को चलने दिया जा रहा था.
स्टेशन-एयरपोर्ट पर हुईं दिक्कतें ऑटो व बस की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर स्टेशन और एयरपोर्ट परदेखने को मिला. बिहारशरीफ, आरा व अन्य जगहों से आये यात्री परिवहन सेवाओं के लिए हलकान दिखें. वहीं, एयरपोर्ट पर ऑटो सेवा बंद होने के कारण एप बेस्ड कैब सेवा की मांग अधिक रही. कुछ को घर पहुंचने के लिए अपनी गाड़ी मंगवानी पड़ी.
बस स्टैंड से नहीं खुलीं बसें : सुबह के वक्त बस स्टैंड पर गहमागहमी की जगह शांति पसरी दिखी. यात्री अपने-अपने लगेज के साथ सड़कों पर खड़े दिखे. प्रदर्शनकारियों ने यहां भी प्रदर्शन कर हड़ताल से खुद को दूर रखने वाले बसें रोक दी गयीं.
रिक्शावालों ने मनमाना वसूला :
हड़ताल का फायदा रिक्शावालों ने जम कर उठाया. यात्रियों से किराये के नाम पर मनमाना पैसा वसूला गया. जंकशन से बोरिंग रोड के लिए 80 रुपये और गांधी मैदान के लिए 60 रुपये वसूले गये. वहीं, गांधी मैदान से एनआइटी का किराया 40 रुपये लिये गये. इ-रिक्शा इस दौरान सड़कों पर सरपट दौड़ती नजर आयी.
दोपहर बाद सेवा बहाल
हड़तालियों ने दोपहर बाद सेवाएं बहाल कीं. दो बजे के बाद ऑटो का परिचालन शुरू हुआ. इससे पहले छिटपुट चले ऑटो वालों ने मनमाना किराया वसूला. बोरिंग चौराहा से गांधी मैदान के लिए 20 रुपये तक वसूले गये. नगर सेवा और निगम की बसें भी सड़कों पर उतरीं.
14 किमी पैदल चल दो घंटे में पहुंचा हूं दफ्तर
हड़ताल में कोई ऑटो के इंतजार में घंटों खड़े रहे, तो कोई पैदल चल कर ही ऑफिस पहुंचे. बांकीपुर स्थित परिवहन निगम विभाग में काम करनेवाले अरविंद कुमार खगौल से गांधी मैदान पैदल चल कर ही पहुंचे. 14 किलोमीटर की दूरी उन्होंने दो घंटे में तय की. वह सुबह ठीक 9.30 बजे अपने साहब के दफ्तर के बाहर तैनात थे. वह कहते हैं, ‘साहब 10 बजे ऑफिस पहुंच जाते हैं.
मैंने आज तक ऑफिस लेट नहीं की. मुझे मालूम था कि ऑटो सेवा सुबह बंद रहेगी. इसलिए मैं 7.30 बजे ही घर से निकल गया. पहले ऑटो का इंतजार किया. बहुतों से जाने का अनुरोध किया, पर वे नहीं मानें. अंत में पैदल निकल पड़ा.’ उन्होंने कहा कि पैर में दर्द हो रहा है. शाम को मालिश कर लेंगे, तो ठीक हो जायेगा. इनसान को इमरजेंसी में इतना तो चलना ही चाहिए. हमलोगों ने खुद को जरूरत से ज्यादा कोमल बना लिया है.’
हमारी भी सुनें
पीएमसीएच अब कैसे जाऊं
मसौढ़ी से आये है. पीएमसीएच जाना है. मां की रिपोर्ट लेनी है. घंटों खड़े हैं. कोई जाने को तैयार नहीं है. रिक्शावाला गांधी मैदान का 50 रुपये मांग रहा है.
रवि राज, यात्री
मेरे रिक्शे की हवा निकाल दी
आरा से स्टेशन दो घंटे पहले ही उतर गये. बोरिंग रोड जाना है. न ऑटो जा रहा है और न रिक्शा जाने को तैयार है. एक रिक्शा जाने को तैयार हुआ, तो प्रदर्शनकारियों ने टायर की हवा निकाल दी.
संजय कुमार उपाध्याय, यात्री
ऑटो नहीं मिल रहा, क्या करूं
बिहारशरीफ से पटना सुबह नौ बजे ही पहुंच गये हैं. कुर्जी स्थित ऑफिस जाना है. घंटों से परेशान हूं. कोई भी ऑटो जाने को तैयार नहीं है. मजबूरन अब बिहारशरीफ लौटना पड़ेगा.
राजेश कुमार, यात्री
प्रदेश में आठ हजार करोड़ का नुकसान
बैंक की 6692 ब्रांचों में लटके ताले, छह हजार करोड़ का लेन-देन बाधित
पटना : देश भर के 10 ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का शुक्रवार को बिहार में व्यापक असर रहा. सूबे में बैंक, बीमा, डाक व दूरसंचार विभाग में अधिकारी व कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने की वजह से इनकी सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं. इस एक दिवसीय हड़ताल के दौरान श्रमिक संगठनों ने जगह-जगह प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए सड़क व रेल यातायात भी प्रभावित किया. इससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. ट्रेड यूनियनों के अनुसार बिहार में लाखों श्रमिक हड़ताल पर रहे. इसके चलते लगभग आठ हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. संगठनों ने हड़ताल को सफल बताया. कहीं-कहीं कुछ निजी बैंकों के खुलने पर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. वहीं, इस हड़ताल से स्टेट बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारी-कर्मचारी दूर रहे. वहीं जगह-जगह ट्रेड यूनियनों ने प्रदर्शन किया.
एटीएम सेवा पर नहीं पड़ा असर
हड़ताल के कारण प्रदेश भर के बैंक की 6692 शाखाओं में ताले लटके रहे. इससे करीब छह हजार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हुआ है. पहले से ही जानकारी होने की वजह से ग्राहक काफी कम संख्या में पहुंचे. हालांकि, एटीएम सेवा पर हड़ताल का ज्यादा असर नहीं दिखा. कुछ जगहों पर संगठनों ने एटीएम भी बंद करा दी. स्टेट बैंक के एटीएम आम दिनों की तरह ही चलते रहे. इस कारण लोगों ने सामान्य दिनों की तरह एटीएम से पैसे की निकासी की. बिहार प्रदेश बैंक कर्मचारी नेता संजय तिवारी ने कहा कि हड़ताल पूरी तरह सफल रहा है. उन्होंने बताया कि हड़ताल में 72 हजार बैंक कर्मचारी और अधिकारी शामिल हुए.
ब्राॅड बैंड सेवा भी रही बाधित
हड़ताल से बीएसएनएल का इंटरनेट और ब्राॅडबैंड सेवाएं प्रभावित रहीं. लैंड लाइन ठीक करने का भी कामकाज भी प्रभावित रहा. वहीं, डाक विभाग का काम भी पूरी तरह ठप रहा है. इस कारण छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. स्टेट बैंक का हड़ताल से हट जाने के बावजूद लोग यह दुविधा में रहे कि बैंक खुले हैं या बंद. स्टेट बैंक खुला रहने के बावजूद बहुत कम ग्राहक पहुंचे.
हड़ताल में शामिल संगठन
आॅल इंडिया इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन, पटना डिवीजन के कर्मचारियों ने फ्रेजर रोड स्थित जीवन प्रकाश परिसर में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व अखिलेश कुमार दूबे ने किया. वहीं डाक विभाग में नेशनल फेडरेशन आॅफ पोस्टल इंप्लाइज व फेडरेशन आॅफ नेशनल पाेस्टल आॅर्गनाइजेशन के बैनर तले पटना जीपीओ कर्मचारियों ने कामकाज ठप रखा है. वहीं, नेशनल फेडरेशन आॅफ टेलीकॉम इंप्लाइज, बिहार सर्किल के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हुए. आॅल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आॅफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) के बैनर तले श्रमिक संगठनों ने जुलूस निकाल हड़ताल को सफल बनाने में शाम तक जुटे रहे.
हड़ताल की वजह
किसान-मजदूर और जन विरोधी नीतियों, बीमा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश के नियमों के शिथिल करने को लेकर है. घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करने की योजना का भी श्रमिक संगठन विरोध कर रहे हैं. ट्रेड यूनियन सरकारी पेंशन फंड और शेयर बाजार में अधिक पैसा लगाने के सरकार के दिशा निर्देशों का भी विरोध कर रहे हैं.
कारगिल चौक हो या डाकबंगला चौराहा, हर जगह किया प्रदर्शन
पटना. केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न नीतियों व फैसले के विरोध में दर्जनों मजदूर संगठन शुक्रवार को जगह-जगह सड़क पर उतरे. डाकबंगला सहित कारगिल चौक, जेपी गोलंबर व स्टेशन रोड धरना स्थल में तब्दील दिखा. प्रदर्शनकारी घंटों सड़कों पर जमे रहे. डाकबंगला में एक्टू, इंटक, ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एसोसिएशन व विभिन्न ऑटो चालक संघों ने सुबह 11 से 1 बजे तक जाम रखा. हड़ताल में आंगनबाड़ी कर्मी व आशा कर्मी भी शामिल हुईं. वहीं, विभिन्न ऑटो चालक संघों ने विरोध में पुतले भी फूंके. मौके पर कंट्रोल रूम से मजिस्ट्रेट और राइट कंट्रोल व्हीकल भी तैनात किये गये थे.
नयी शिक्षा नीति के विरोध में एआइएसएफ, एसएफआइ और एआइडीएसओ के छात्र भी सड़कों पर उतरे. संगठन साइंस कॉलेज को बंद कराते जेपी गोलंबर पहुंचे. वहां पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई.
उधर स्वास्थ्य क्षेत्रों में हड़ताल ने टीकाकरण योजनाओं पर पानी फेर दिया. इसमें डॉक्टरों को छोड़ सभी के हड़ताल पर रहने से सरकारी अस्पतालों में किसी भी तरह के टीके नहीं लग पाये.

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