कैंपों में चार हजार लोग बचे

पटना : बाढ़ के दौरान पटना जिले में 38 राहत कैंप खोले गये, जहां 22 हजार लोगों ने शरण ली. लेकिन, शनिवार तक कैंप में महज चार हजार लोग ही बचे हैं. बाढ़ के दौरान राहत कैंपों में जहां 24 घंटे लोगों की मस्ती व बच्चों के रोने व खेलने की हलचल देखने को मिलती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2016 6:46 AM
पटना : बाढ़ के दौरान पटना जिले में 38 राहत कैंप खोले गये, जहां 22 हजार लोगों ने शरण ली. लेकिन, शनिवार तक कैंप में महज चार हजार लोग ही बचे हैं. बाढ़ के दौरान राहत कैंपों में जहां 24 घंटे लोगों की मस्ती व बच्चों के रोने व खेलने की हलचल देखने को मिलती थी. वह परिसर पूरी तरह से वीरान हो गया है.
राहत कैंप खाली होने लगे हैं और कई जगहों पर रसोई घर को बंद कर दिया गया हैं. क्योंकि, वहां पर एक भी परिवार नहीं हैं. शहरी इलाकों में लगे राहत कैंपों से लोग चले गये हैं. लेकिन, अभी कुछ लोग दीघा बांध के पास अपने जानवरों को लेकर रह रहे हैं. वह अभी भी खाना खाने राहत कैंप में जाते हैं. इस कारण से कुछ राहत कैंपों को बंद नहीं किया गया हैं.
राहत कैंपों में लटकने लगे ताले पटना के दीघा बालिका स्कूल में चल रहा राहत कैंप बंद हो गया है. वहीं, दीघा बालक स्कूल में 150 लोग सिर्फ खाना खाने पहुंच रहे हैं, जो रविवार की शाम तक अपने घर लौट जायेंगे.
उसके बाद यह भी कैंप बंद हो जायेगा. बीएन कॉलेजिएट स्कूल के राहत कैंप में भी महज 100 लोग खाना खाते हैं और कैंप में मात्र 30 लोग रह रहे हैं. यहां का भी कैंप एक-दो दिनों में बंद हो जायेगा. बिहार विद्यापीठ में बिंद टोली के कुछ परिवार हैं. दियारे के सभी लोग अपने घर लौट गये हैं. यहां रहनेवाले परिवारों के मुताबिक उनके घरों में कीचड़ भरा है. इस कारण से अभी यही रहेंगे. यहां 300 लोग अभी भी खाना खाते हैं, जो कि बिंद टोली के हैं.
पटना शहर में अब दियारे के बचे बस कुछ जानवर : बाढ़ के बाद दियारे के लोग अपने जानवरों को लेकर पटना में आये और बांस घाट, दीघा, कुर्जी, बीएन कॉलेजिएट के सामने हजारों की संख्या में गाय-भैंसे बंधे थे, जो कि अब 50 के भीतर बचे हुए हैं. जानवरों के मालिकों के मुताबिक इन जानवरों को भी सोमवार तक दियारे ले जाया जायेगा.
अंचलाधिकारी के पास करें आवेदन अगर किसी व्यक्ति या परिवार कानाम सूची में छूट जाता है, तो वह अपने-अपने संबंधित अंचलाधिकारी को आवेदन दे सकते हैं.अंचलाधिकारी इसकी जांच करायेंगे और सही
पाये जाने पर उनका नाम जोड़ा जायेगा. अगर कोई फर्जी करता है या कराता है, तो कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि राहत शिविरों में अब तक 13 लड़कों और 10 लड़कियों का जन्म हुआ है. इन्हें 2.80 लाख की राशि बांट दी गयी है. वहीं, 17 हजार परिवारों के बीच जीआर के रूप में 10.20 करोड़ रुपये बांटे गये है. श्री अग्रवाल ने कहा कि बाढ़ से 15 लोगों की मौत हुई है.
इसमें फतुहा प्रखंड में सात, खुशरुपुर प्रखंड में एक, बख्तियारपुर प्रखंड में एक, अथमलगोला प्रखंड में दो, बिहटा प्रखंड में एक, घोसवरी प्रखंड में तीन लोग शामिल हैं. इनके बीच भी 60 लाख रुपये बांटे गये हैं. इसके साथ ही गंगा नदी में बाढ़ के कारण अब तक 114 लोगों की मौत हो चुकी है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब भी 2179 गांवों में बाढ़ की समस्या बनी हुई है.
पटना : पटना के कई इलाकों में 20 अगस्त को गंगा का पानी सीवरेज के माध्यम से घुस गया था. कुछ देर के लिए गंगा के रौद्र रूप को देख शहरवासी सहम गये. सभी को लगने लगा था कि कभी भी पानी उनके घरों तक पहुंच सकता है. लेकिन, उफान थमते ही गंगा लौट गयी है.
दीघा घाट से लेकर गोलघर व समाहरणालय तक महज टापू दिखने लगे हैं. कहीं-कहीं सिर्फ मिट्टी ही दिख रही है. गंगा के लौटने की रफ्तार यही रही, तो बहुत जल्द गंगा नदी के बड़े क्षेत्र में दोबारा से धूल उड़ने लगेंगे और लोगों को दो-चार किलोमीटर चलने के बाद गंगा का पानी मिलेगा.
दीघा, कुर्जी, बांस घाट, एलसीटी घाट, रानी घाट सहित अन्य घाटों पर गंगा का पानी कम होने लगा है. कई जगहों से पानी काफी दूर हो गया है. कुर्जी के पास दुर्गा मंदिर घाट की सीढ़ियों तक पहुंचा गंगा का पानी सीढ़ी से नीचे चला गया है. यहां पर अगले दो दिनों में पानी पूरी तरह से खत्म हो जायेगा.
यानी यहां से गंगा तक पहुंचने के लिए लोगों को कम-से-कमतीन से चार किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा. समाहरणालय घाट पर पानी सीढ़ी से उतर गया है और एनआइटी घाट पर भी पानी अपनी पुरानी जगह पर पहुंचने लगा है. रानी घाट की भी यही स्थिति है. गंगा किनारे में पानी का लेबल दो फुट तक पहुंच गया है, जहां पर बड़ी या छोटी बोट नहीं पहुंच रही है.
नाॅर्थ-इस्ट के जिलों में 48 घंटे का फिर अलर्ट
पटना : पटना में लो प्रेशर से सोमवार को बारिश हो सकती है. तीन दिनों तक राजधानी का मौसम ऐसा ही रहेगा. वहीं, नाॅर्थ-इस्ट सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया जिले में भारी बारिश को लेकर 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया गया है. अब तक हिमालय की तराई क्षेत्र व पश्चिम बंगाल बॉर्डर के आसपास मॉनसून टर्फ लाइन पूरी तरह से एक्टिव है, जो अगले तीन चार दिनों तक इसी तरह से बनी रहेगी.
ऐसे में कई जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है. पटना सहित कई जिलों में दिन भर बादल रहने के बाद भी बारिश नहीं हुई. सिर्फ भागलपुर व पूर्णिया में कहीं-कहीं बारिश हुई. गया में भी बारिश बस ट्रेस हुई है. राजधानी के लोगों को कई बार ऐसा लगा कि बारिश होगी, लेकिन थोड़ी देर में हल्की धूप निकल आयी. ऐसा ही हाल दिन भर रहा.

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