पटना-गया डोभी मार्ग जर्जर
मसौढ़ी : पटना-गया डोभी मार्ग तो कहने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-83 है, लेकिन इसकी स्थिति कुछ जगहों पर ग्रामीण सड़क से भी बदतर है . नतीजतन मसौढ़ी से पटना की दूरी मात्र 28 किलोमीटर होने के बावजूद लोगों को इस दूरी को तय करने में तीन घंटे लग जाते हैं. इतना ही नहीं कई जगहों […]
मसौढ़ी : पटना-गया डोभी मार्ग तो कहने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-83 है, लेकिन इसकी स्थिति कुछ जगहों पर ग्रामीण सड़क से भी बदतर है . नतीजतन मसौढ़ी से पटना की दूरी मात्र 28 किलोमीटर होने के बावजूद लोगों को इस दूरी को तय करने में तीन घंटे लग जाते हैं. इतना ही नहीं कई जगहों पर सड़क इतनी संकीर्ण है कि लोगों को जाम में भी फंसा रहना पड़ता है.
अब तो ऐसी स्थिति हो गयी है कि लोग चरपहिया वाहन से पटना जाने में कतराने लगे हैं.सबसे विकट परिस्थिति तो आनेवाले पितृपक्ष मेले में देखने को मिलेगी,जब हजारों श्रद्धालु पुनपुन नदी पर पिंडदान कर गया इस मार्ग से जायेंगे .
गौरतलब है कि पटना से गया जाने के लिए दो मार्ग हैं . एक तो पहाड़ी से गौरीचक ,धनरूआ होकर राजमार्ग संख्या -एक और दूसरा सिपारा , पुनपुन व मसौढ़ी होकर राष्ट्रीय राजमार्ग -83. पुनपुन-मसौढ़ी होकर दूरी बहुत कम रहने की वजह से लोग पहली पसंद के रूप में इसी मार्ग को चुनते हैं. प्रतिदिन सैकड़ों वाहन इसी मार्ग से गुजरते हैं ,लेकिन नदवां,नीमा व पुनपुन के अलावा परसा और कुरथौल में तो सड़क की स्थिति काफी जर्जर है.
वहीं, नदवां, नीमा एवं पुनपुन में एक तो सड़क संकीर्ण है ऊपर से सड़क किनारे दोनों तरफ कीचड़ एवं गड्ढे होने की वजह से आये दिन गाड़ियां फंस जाती हैं, जिससे जाम की स्थिति हो जाती है .
इस मार्ग से प्रतिदिन कोई- न- कोई राजनेता, मंत्री एवं सूबे के आला अधिकारियों की गाड़ियां गुजरती हैं, लेकिन किसी का इस ओर ध्यान अभी तक नहीं गया है .बहरहाल लोग इसी मार्ग से चलने को विवश हैं .
बता दें कि इस मार्ग को फोर लेन के लिए स्वीकृति भी मिल चुकी है.टेंडर भी हो चुका है. कहीं-कहीं काम भी लग चुका है, लेकिन अभी बहुत जगह भूमि अधिग्रहण का कार्य अधूरा पड़ा है.
ऐसी स्थिति में संभावना जतायी जा रही है कि इसके निर्माण में अभी बहुत समय लगेगा.वहीं, दूसरी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्यालय गया में होने की वजह से किसी अधिकारी से इस संबंध में जानकारी नहीं मिल सकी.