सड़क पर उतरे शिक्षक, रखा उपवास, दिया धरना
पटना : पांच सितंबर शिक्षकों का दिन होता है. शिक्षकों का आदर और सम्मान का दिन होता है, लेकिन पटना में नजारा कुछ और ही था. सैकड़ों शिक्षक अपनी मांगों के लिए सड़क पर उतरे थे. सोमवार को सुबह से ही शिक्षक संगठनों की ओर से आंदोलन जारी रहा. वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा की […]
पटना : पांच सितंबर शिक्षकों का दिन होता है. शिक्षकों का आदर और सम्मान का दिन होता है, लेकिन पटना में नजारा कुछ और ही था. सैकड़ों शिक्षक अपनी मांगों के लिए सड़क पर उतरे थे. सोमवार को सुबह से ही शिक्षक संगठनों की ओर से आंदोलन जारी रहा. वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा की आेर से राज्य भर में सामूहिक उपवास के साथ धरना दिया गया.
मोरचा के अध्यक्ष राम विनेश्वर सिंह ने कहा कि 240 संबद्ध डिग्री एवं पांच सौ इंटरमीडिएट महाविद्यालयों के हजारों शिक्षाकर्मी सामूहिक उपवास पर रहे. अनुदान की राशि पिछले पांच सालों से बकाया है. इस मौके पर महासचिव जय नारायण सिंह, देव कुमार राय, विश्वनाथ राय के साथ सैकड़ों शिक्षक शामिल थे. वेतनमान की मांग को लेकर नियोजित शिक्षक न्याय मोरचा की ओर से शिक्षक दिवस पर गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय उपवास रखा गया. इसमें सैकड़ों शिक्षक शामिल हुए. इस मौके पर नूर अालम, मधुकर गुप्ता, अभिषेक कुमार, रणधीर कुमार, दिनेश कुमार आदि मौजूद थे. बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से भी उपवास रखा गया. संघ के उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार यादव के नेतृत्व में उपवास रखा गया था.
शिक्षक दिवस पर सेमिनार का आयोजन : बिहार राज्य डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ की आेर से एक सेमिनार का आयोजन किया गया. पुनाईचक स्थित केंद्रीय कार्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
संगोष्ठी में शिक्षा कर्मियों को वेतनमान नहीं दिये जाने पर राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री की आलोचना किया गया. महासंघ के राज्य संयोजक राजीव रंजन ने बताया कि शिक्षकों की स्थिति में सुधार कर ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकती है. बिना वेतन के शिक्षक कब तक काम करते रहेंगे. सरकार को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए.