मिट्टी जांच कार्ड में दर्ज तथ्यों को नहीं समझ पाते हैं किसान
पटना : राज्य सरकार एक ओर लाखों की संख्या में किसानों के बीच मिट्टी जांच कार्ड बांट रही है. वहीं, यह भी सच सामने आया कि किसान इस कार्ड के प्रावधानों को नहीं जानते. सोमवार को कार्ड वितरण के दौरान किसानों ने बातचीत में विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार से साफ कहा कि वे […]
पटना : राज्य सरकार एक ओर लाखों की संख्या में किसानों के बीच मिट्टी जांच कार्ड बांट रही है. वहीं, यह भी सच सामने आया कि किसान इस कार्ड के प्रावधानों को नहीं जानते. सोमवार को कार्ड वितरण के दौरान किसानों ने बातचीत में विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार से साफ कहा कि वे इस कार्ड के बारे में नहीं समझते हैं.
उन्होंने किसान सलाहकारों, कृषि समन्वयकों तथा प्रखंड स्तर पर कार्यरत पदाधिकारियों को एक नियमित अंतराल पर आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. इससे किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड की उपयोगिता के बारे में अवगत करा सकें. उन्होंने कहा कि मिट्टी को जननी के रूप में देखना चाहिए. इसलिए मिट्टी स्वास्थ्य की जांच निरंतर कराते रहने की आवश्यकता है.
कुमार ने कहा कि पहले जनसंख्या कम होने के कारण किसान एक खेत में फसल लेने के बाद अगले वर्ष सामान्यत: उसे परती छोड़ देते थे. इससे मिट्टी की उर्वरा–शक्ति बनी रहती थी. आज जनसंख्या बढ़ने से एक ही खेत पर लगातार खेती के कारण पोषक तत्वों की कमी हो रही है. इस मौके पर रवींद्रनाथ राय, धनंजयपति त्रिपाठी, एसी जैन, उमेश चौधरी, आदित्य नारायण राय, राम प्रकाश सहनी, रविंद्र कुमार वर्मा, आदि मौजूद थे.