एक कदम और चली मेट्रो
योजना. रूट पर ट्रैफिक की स्टडी करेगी राइट्स इंिडया नगर विकास विभाग ने रैपिड असेसमेंट स्टडी का काम राइट्स इंडिया को सौंपा है. एक सप्ताह में एग्रीमेंट हो जायेगा. इस कारण मेट्रो का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा था. पटना : लंबे समय से चल रहे पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के काम में एक कदम […]
योजना. रूट पर ट्रैफिक की स्टडी करेगी राइट्स इंिडया
नगर विकास विभाग ने रैपिड असेसमेंट स्टडी का काम राइट्स इंडिया को सौंपा है. एक सप्ताह में एग्रीमेंट हो जायेगा. इस कारण मेट्रो का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा था.
पटना : लंबे समय से चल रहे पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के काम में एक कदम और आगे बढ़ा है. सोमवार को मेट्रो ट्रेन का रैपिड असेसमेंट स्टडी का काम फिर से भारत सरकार की संस्था राइट्स इंडिया लिमिटेड, गुड़गांव को सौंप दिया गया. भारत सरकारमें सूचीबद्ध संस्थाओं से नगर विकास विभाग ने कोटेशन मांगा था. इसमें राइट्स ने सबसे कम दर पर यह काम ले लिया है.
एक सप्ताह में राइट्स के साथ विभाग का एग्रीमेंट हो जाने के साथ ही अध्ययन का काम आरंभ हो जायेगा. अब तक इस असेसमेंट के कारण ही मेट्रो का काम आगे नहीं बढ़ रहा है. नगर विकास एवं आवास विभाग के विशेष सचिव संजय दयाल के हस्ताक्षर से सोमवार को इससे संबंधित लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस जारी कर दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए यह शर्त थी कि उसकी रैपिड असेसमेंट स्टडी (यातायात का त्वरित आकलन का अध्ययन) की रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपीजाये.
एक सप्ताह के अंदर अध्ययन का काम शुरू होगा. एजेंसी दो-तीन माह में पटना मेट्रो के सभी चार कोरिडोर के अध्ययन का काम पूरा कर लेगी. इसमें एजेंसी द्वारा मेट्रो रूट पर यात्रियों के आवागमन और उसकी संख्या का आकलन किया जायेगा. साथ ही इस रूट पर मेट्रो के परिचालन पर कितने यात्रियों का दैनिक अावागमन होगा. इसको लेकर विस्तृत अध्ययन किया जायेगा. विभाग द्वारा केंद्र को मेट्रो प्रोजेक्ट भेजने के साथ इस तरह की रिपोर्ट नहीं भेजी थी. इसके पहले शहर की कंप्रीहेंसिव ट्रैफिक रिपोर्ट तैयार की गयी थी, जो पुरानी हो चुकी थी. इस संबंध में भारत सरकार ने नयी स्टडी रिपोर्ट की मांग की थी. तीन माह में रिपोर्ट सौंप दी जायेगी. इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा मेट्रो प्रोजेक्ट पर सहमति मिलने का आसार है.
पटना : अनिसाबाद-औरंगाबाद नेशनल हाइवे का निर्माण काम अगले साल मार्च तक पूरा होने की संभावना है. कांट्रैक्टर द्वारा जिस सुस्ती से काम हो रहा है, इससे यही अनुमान लगाया जा रहा है. हालांकि इसे डेड लाइन के तहत अगस्त 2016 तक में ही पूरा कर लेना था.
कांट्रैक्टर ने मार्च 2014 में काम शुरू किया था. अगस्त खत्म हो गया है, लेकिन 75 फीसदी काम ही हो सका है. सड़क निर्माण नहीं होने से लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. सबसे अधिक परेशानी फुलवारी से एम्स तक लोगों को हो रही है. सड़कों में हुए गड्ढे की वजह से आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं.
अनिसाबाद से अरवल तक सड़क निर्माण करनेवाले कांट्रैक्टर को बार-बार नोटिस दिये जाने के बावजूद काम की गति नहीं पकड़ सकी है. यहां तक कि पटना के जिलाधिकारी ने सड़क निर्माण करनेवाली कंपनी को शो कॉज भी पूछा है. एनएच के अधिकारी ने कांट्रैक्टर से काम छीनने की चेतावनी दे दी है. इन सबके बावजूद काम शुरू नहीं हो सका है. मालूम हो कि अनिसाबाद से अरवल तक सड़क निर्माण का काम डीआरए एंड एसएनपी व अरवल से औरंगाबाद तक मोंटेक कार्लो कंपनी कर रही है.
फुलवारी से एम्स तक बनेगा कंक्रीट का रोड
अनिसाबाद से अरवल के बीच फुलवारी से एम्स तक चार किलोमीटर फोर लेन कंक्रीट का बनना है. इन चार किमी में घनी बस्ती है, जिससे सड़क पर पानी अधिक जमा होने से अलकतरा वाली सड़क के टूटने का आशंका बनी रहेगी, इसलिए ढलाई की सड़क बनाने का निर्णय लिया गया है. इसके बाद औरंगाबाद तक यह सड़क दस मीटर चौड़ी है. मालूम हो कि प्रदेश भर के मरीज एम्स में इलाज कराने पहुंच रहे हैं. लेकिन, सड़क खराब होने के कारण उन्हें यहां तक पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
यह है स्थिति
अनिसाबाद से औरंगाबाद के बीच 154 किलोमीटर सड़क में लगभग 110 किलोमीटर सड़क तैयार कर ली गयी है. वहीं अनिसाबाद से अरवल तक 62 किलोमीटर सड़क में मात्र 35 किलोमीटर तक ही निर्माण हुआ है. अरवल से औरंगाबाद तक 92 किलोमीटर में 75 किलोमीटर सड़क तैयार है.
विश्व बैंक के सहयोग से बननेवाली इस सड़क पर लगभग 650 करोड़ खर्च अनुमानित है. जानकारी के अनुसार अरवल से अौरंगाबाद तक दिसंबर 2016 तक सड़क निर्माण पूरा होने की संभावना है, जबकि अनीसाबाद से अरवल तक सड़क बनाने का काम मार्च 2017 में पूरा होगा.