फ्रॉड वाले सभी मोबाइल नंबर चालू, पर ट्रेस नहीं

पटना : ऑनलाइन ठगी करने वाले साइबर क्रिमिनल जिस मोबाइल नंबर से फोन कर रहे हैं, वे नंबर घटना के बाद भी चालू हैं. जिनके साथ ठगी हो रही है, वे इस बात से हैरान हैं कि आखिर अन्य मामले में सर्विलांस के जरिये अपराधियों के मोबाइल फाेन का टावर लोकेशन पता करने वाली पुलिस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2016 5:39 AM
पटना : ऑनलाइन ठगी करने वाले साइबर क्रिमिनल जिस मोबाइल नंबर से फोन कर रहे हैं, वे नंबर घटना के बाद भी चालू हैं. जिनके साथ ठगी हो रही है, वे इस बात से हैरान हैं कि आखिर अन्य मामले में सर्विलांस के जरिये अपराधियों के मोबाइल फाेन का टावर लोकेशन पता करने वाली पुलिस इस मामले में क्यों फेल हो जा रही है. पुलिस का तकनीकी अनुसंधान फेल हो रहा है. ऐसे लोगों का टावर लोकेशन क्यों नहीं ट्रेस हो रहा है.
पुलिस अगर सिम कार्ड का आइडी प्रूफ निकाल रही है तो नूरसराय, नालंदा का निकल रहा है. लेकिन जब उस पते पर पुलिस पहुंच रही है, तो कुछ नहीं मिल रहा है. फिलहाल साइबर सेल के एक्सपर्ट इसकी जड़ें तलाशने में लगी हुई हैं.
थाने पर नहीं लिया जा रहा केस : पुलिस इस तरह के केस से भाग रही है. थाने पर ही ठगी के शिकार लोगों को समझाया जा रहा है कि उनके मामले में कुछ नहीं हो सकता. नसीहत दी जा रही है कि एटीएम कार्ड का नंबर नहीं बताइये. फिलहाल ठगी की घटना बदस्तूर जारी है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठ गयी है.
ये लोग आ गये झांसे में
ऑनलाइन ठगी का खेल जारी है. सीवान के रहनेवाले उमेश चौधरी के पास 30 अगस्त को फोन आया था. बैंक अधिकारी बता कर उनके एटीएम कार्ड का नंबर पूछ लिया गया और एक झटके में 2,590 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिये गये. लखीसराय के रहनेवाले अरविंद कुमार के पास 29 अगस्त को फोन आया था, उनके एटीएम कार्ड का नंबर पूछ कर 44,700 हजार रुपये निकाल लिये गये.
इसी तरह खगड़िया के रहने वाले राजा बाबू और दरभंगा के राजीव के पास तीन सितंबर को फोन आया, पर वह प्रभात अभियान की खबर पढ़ने के बाद वे सतर्क थे. उन्होंने कार्ड नंबर नहीं बताया, वे बच गये. सीतामढ़ी निवासी अख्तर अंसारी के पास 18 अगस्त को फोन आया था, उनके खातेट से 2400 निकल गये. मधुबनी निवासी सुरेश कुमार के पास सात अगस्त को फोन आया था. उनके खाते से 34 हजार ट्रांसफर कर लिये गये.

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