बिहार : नशे के धंधेबाजों की जब्त होगी संपत्ति
कसा शिकंजा. इओयू ने वीसी कर सभी जिलों से मांगी सूची, अधिकारियों को दिया निर्देश आर्थिक अपराध इकाई ने सोमवार को तीन घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इसमें इओयू के आइजी ने सभी एसपी को ड्रग्स इंस्पेक्टर के साथ बैठक कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. पटना : बिहार में सभी जिलों में अवैध रूप […]
कसा शिकंजा. इओयू ने वीसी कर सभी जिलों से मांगी सूची, अधिकारियों को दिया निर्देश
आर्थिक अपराध इकाई ने सोमवार को तीन घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इसमें इओयू के आइजी ने सभी एसपी को ड्रग्स इंस्पेक्टर के साथ बैठक कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
पटना : बिहार में सभी जिलों में अवैध रूप से मादक पदार्थों का कारोबार करने वालों की सूची तैयार करके भेजने का आदेश पुलिस मुख्यालय ने दिया है. इसके बाद इन कारोबारियों की संपत्ति जब्त करने की कवायद शुरू की जायेगी. मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए सोमवार को आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के आइजी जीतेंद्र सिंह गंगवार ने सभी प्रमंडलों के आइजी, डीआइजी और सभी एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) करके कई आवश्यक निर्देश दिये. तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली इस वीसी में उन्होंने सभी एसपी को कहा कि वे अपने-अपने जिलों में ड्रग्स इंस्पेक्टर और दवा दुकानदारों के साथ विशेष बैठक करें.
इसमें फरवरी 2016 में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी निर्देश का अनुपालन कराने को कहा गया है. इसके अनुसार, कोरेक्स, अल्फ्रैन, अल्गोप्रैन समेत तमाम फॉर्मा दवाओं के स्टॉक की जांच करें. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार, जिस दवा का जितना स्टॉक निर्धारित कर दिया गया है, उस दुकान में उतना ही स्टॉक होना चाहिए. इससे ज्यादा स्टॉक होने पर संबंधित दुकानदारों पर कार्रवाई की जाये. किसी सूरत में फॉर्मा ड्रग्स का दुरुपयोग नशे के सामान के रूप में नहीं होना चाहिए.
आइजी ने सभी जिलों को मादक पदार्थों से जुड़े सभी लंबित मामलों में जब्ति, अनुसंधान, सिजर और सैंपलिंग करने को कहा गया है. इसके अलावा जिन जिलों में जब्त गांजा लंबे समय से मालखाना में बंद पड़ा है. उन्हें नष्ट करने के लिए प्री-ट्रायल डिस्पोजल किया जायेगा. इसके लिए एसपी की अध्यक्षता में कमेटी का सभी जिलों में कंपोजिट टीम गठित है.
जब्त गांजा का सैंपल लेकर बचे हुए सभी सामान को नष्ट कर दिया जाये. वीसी के दौरान सभी अधिकारियों को एनडीपीएस एक्ट की बारिकियों से अवगत कराया गया. ताकि इसके तहत एफआइआर दर्ज करने में कोई त्रुटी नहीं रहे, जिसका फायदा अपराधियों को सीधे तौर पर मिल जाता है. नशीले पदार्थों के खिलाफ मामला दर्ज करने में कमी होने के कारण इसमें फंसने वाले अपराधी आसानी से बच निकलते हैं. इसका ध्यान रखने को गया है. राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून की वजह से मादक पदार्थों का चलन काफी तेजी से बढ़ने लगा है. इसे रोकने में पूरी मुस्तैदी की जरूरत है, तभी पूर्ण शराबबंदी कानून सफल हो पायेगा.