भोजपुरी की पढ़ाई को मिल सकती है जल्द मंजूरी

राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने दिये संकेत पटना : वीर कुंवर सिंह विवि, आरा में भोजपुरी भाषा की पढ़ाई दोबारा आरंभ करने की जल्द ही राजभवन से मंजूरी मिल सकती है. राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने सोमवार को इसके संकेत दिये. उन्होंने पटना संग्रहालय के कर्पूरी ठाकुर सभागार में एनबीटी द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह में कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2016 5:54 AM
राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने दिये संकेत
पटना : वीर कुंवर सिंह विवि, आरा में भोजपुरी भाषा की पढ़ाई दोबारा आरंभ करने की जल्द ही राजभवन से मंजूरी मिल सकती है. राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने सोमवार को इसके संकेत दिये. उन्होंने पटना संग्रहालय के कर्पूरी ठाकुर सभागार में एनबीटी द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह में कहा कि लोकभाषा को समाज व संस्कृति की वाहक बताया.
साथ ही इसकी मजबूती और संवर्धन पर जोर देते हुए कहा कि उच्च स्तर पर इन भाषाओं के अध्ययन-अध्यापन में बेहतरी आयेगी. राज्यपाल ने कहा कि लोक भाषाओं के संवर्धन से राष्ट्रभाषा हिंदी भी मजबूत होगी. देश की विविधता में एकता की अवधारणा को पुष्ट करने के लिए प्रादेशिक भाषाओं के संरक्षण उनके विकास एवं विस्तार के लिए प्रयत्नशील रहने की जरूरत है.
इससे राष्ट्रभाषा हिंदी की ताकत और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि हिंदी की सहयोगी भाषाएं हिंदी के शब्द भंडार को बढ़ाती हैं. राज्यपाल ने कहा कि बिहार की लोक भाषाओं में अनुवाद-परियोजना की एनबीटी की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि अंगिका व वज्जिका को भी मैथिली, मगही और भोजपुरी की तरह मजबूत करने की जरूरत है. इस मौके पर राज्यपाल ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों और लेखकों को अपनी शुभकामना दी. उन्होंने मगही, मैथिली और भोजपुरी में अनुवाद किये पुस्तकों का लोकार्पण किया.
एनबीटी के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि उनकी संस्था क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए प्र्रतिबद्ध है. बिहार ज्ञान संपदा का केंद्ब रहा है. अंगिका और बज्जिका के क्षेत्र में भी काम होगा.
लेखिका उषा किरण खान ने आंचलिक भाषाओं में मौलिक ग्रंथों के भी प्रकाशन पर जोर दिया. उन्होंने प्राथमिक स्कूलों में पर लोकभाषा की पढ़ाई पर बल दिया. पूर्व कुलपति डा. रिपुसूदन प्रसाद श्रीवास्तव ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने का अनुरोध किया.
मगही अकादमी के अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा ने क्षेत्रीय भाषाओं के विकास को लेकर अपनी एक कविता सुनाई. पुस्तकों का परिचय एनबीटी के अधिकारी कुमार विक्रम ने दिया . संचालन क्षेत्रीय अधिकारी डा. कमाल अहमद ने किया. मालूम हो कि एनबीटी ने हिन्दी और अंग्रेजी की कुछ पुस्तकों का भोजपुरी, मैथिली एवं मगही में अनुवाद कराया है.

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