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जन सरोकार की आवाज नहीं उठा रहे मोदी :संजय

पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह जन सरोकारों की बात नहीं उठा रहे. बल्कि, बेचैनी में उन्होंने अपना नया काम तलाशा है कि किसके घर में कितने खिड़की-दरवाजे हैं. सिंह ने कहा कि सुशील मोदी ने पत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2016 7:43 AM
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह जन सरोकारों की बात नहीं उठा रहे. बल्कि, बेचैनी में उन्होंने अपना नया काम तलाशा है कि किसके घर में कितने खिड़की-दरवाजे हैं.
सिंह ने कहा कि सुशील मोदी ने पत्र में अपना समय और कंप्यूटर का इंक बर्बाद किया है. उन्हें जब चिट्ठी ही लिखनी थी तो राज्य में कई और मुद्दे हैं जिस पर वो लिख सकते थे. जनसरोकार या जनकल्याण के हित में सुशील मोदी चिट्ठी लिखते तो उन्हे गंभीर माना जा सकता है.
लेकिन, सुशील मोदी को सीएम कहां रह रहे है ? घर में कितने दरवाजे- खिड़कियां है ? क्या खा रहे है ? उनके पुत्र कहां रह रहे है ? इसकी सबसे ज्यादा चिंता है. सिंह ने कहा कि मोदी ने तो उस वक्त सवाल नही उठाया था जब जीतनराम मांझी मुख्यमंत्री रहते दो-दो आवास उनके कब्जे में था. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी गलतफहमी में है कि नीतीश कुमार को किसी भी चीज का लालच होगा. जब एक पल में नीतीश कुमार ने अपने मुख्यमंत्री के पद को त्याग दिया, तो फिर एक बंगला की क्या औकात है.
उन्होंने कहा कि बिहार में अन्य राज्यों की तरह पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए उनके जीवनपर्यंत एक मकान का प्रबंध है. नीतीश कुमार ने 2014 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तब उन्हें भी एक बंगला मिला था. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी के पास पटना में निजी घर है. इसके बावजूद उन्होंने सरकारी बंगला लिया हुआ है.
जहां तक जानकारी है कि सुशील मोदी अपने सरकारी आवास में नही रहते हैं. उनके आवास से भाजपा की गतिविधियां जरूर होती है. यहां वो जनता दरबार लगाते हैं.
उसमें कितना खर्च हुआ है, उसका भी ब्योरा सुशील मोदी को देना चाहिए. राजस्थान में भाजपा की सरकार है. वहां की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दो बंगले में क्यों रहती हैं?

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