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90 साल का हुआ देश का 5वां सबसे पुराना चैंबर

बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स. नौ सितंबर, 1926 को स्थापित चैंबर की शुरुआत महज 19 सदस्यों के साथ की गयी थी सुबोध कुमार नंदन पटनाबिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स देशका पांचवां सबसे पुराना चैंबर है. इसकी स्थापना नौ सितंबर, 1926 को हुईथी. तब इसका नाम बिहार एंड ओडिशा चैंबर आॅफ कॉमर्स था. वर्ष1936 में बिहार से ओडिशाअलग […]

बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स. नौ सितंबर, 1926 को स्थापित चैंबर की शुरुआत महज 19 सदस्यों के साथ की गयी थी
सुबोध कुमार नंदन
पटनाबिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स देशका पांचवां सबसे पुराना चैंबर है. इसकी स्थापना नौ सितंबर, 1926 को हुईथी. तब इसका नाम बिहार एंड ओडिशा चैंबर आॅफ कॉमर्स था. वर्ष1936 में बिहार से ओडिशाअलग हो गया. इसके बाद 1937 में इससे चैंबर से ओडिशा को अलग कर दिया गया. इस तरह इसकानाम बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज हो गया. यह संस्था भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत है. चैंबर अपने 90 साल के इतिहासके दौरान न सिर्फ राज्य के समग्रआर्थिक विकास के लिए एक उत्प्रेरक का काम कर रहा है, बल्कि राष्ट्रीय लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में भी महत्वपूर्ण रोल निभा रहा है. एक आर्थिक रूप से मजबूत बिहार तथा व्यापार व उद्योग के विकास में इसका अहम योगदान है.
19 सदस्यों से हुई थी शुरुआत
बिहार चैंबर की शुरुआत महज 19 सदस्यों के साथ हुई थी. यह आज उद्यमियों व व्यवसायियों का एक शीर्ष संगठन बन चुका है. बिहार के प्राय: सभी प्रमुख व्यापार और उद्योग के लोग इससे जुड़े हुए हैं. ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीतियों से प्रताड़ित ओडिशा और बिहार के व्यापारियों व उद्योगपतियों को वर्ष 1925 में चैंबर की जरूरत महसूस हुई.
रुपया और पाउंड का विवाद मुख्य वजह
चैंबर की स्थापना के पीछे रुपया और पाउंड के अनुपात का विवाद मुख्य कारण था. चैंबर के प्रथम अध्यक्ष दीवान बहादुर राधा-कृष्ण एवं सम्मानित सचिव आरसी पंडित बनाये गये. 21 दिसंबर, 1962 को तत्कालीन सरकार के अपर सचिव ने इसकी विधिवत मान्यता दी. चैंबर का पहला कार्यालय बैंक आॅफ बिहार के कार्यालय भवन में खोला गया, जिसका विलय अब भारतीय स्टेट बैंक के रूप में हो गया.
उद्योगपतियों को एकजुट करना मुख्य मकसद
चैंबर की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य श्रम, परिवहन, कराधान व चुनौतियों का सामना करने में व्यापारियों और उद्योगपतियों को एकजुट करना था. चैंबर अपने स्थापना काल से सफलता पूर्वक राज्य के व्यवसायियों एवं उद्यमियों की सेवा करते हुए वर्ष 1951 में सिल्वर जुबली मनाया.
इसका उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति डाॅ राजेंद्र प्रसाद ने किया था. वर्ष 1976 में मने गाेल्डन जुबली समारोह का उद्घाटन पटना उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश बीएन सिंह ने किया. वर्ष 1986 में चैंबर के डायमंड जुबली समारोह के मुख्य अतिथि तत्कालीन उपराष्ट्रपति अार वेंकट रमण रहे. वर्ष 2002 में चैंबर के प्लैटिनम जुबली समापन समारोह में भरत रत्न तत्कालीन राष्ट्रपति डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम ने भाग लिया था. भारत सरकार ने वर्ष 2002 में बिहार चैंबर आॅॅफ कॉमर्स पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया.
चैंबरों की स्थापना
कोलकाता 1830
चेन्नई 1836
मुंबई 1836
कोचिन 1857
बिहार 1926
फिक्की 1927
गुजरात 1949
दिल्ली 1950
बिहार चैंबर अपने स्थापना काल से ही राज्य के उद्यमियों व व्यवसायियों तथा सरकार के बीच एक कड़ी का काम करता आ रहा है. यह न केवल राज्य के उद्यमियों व व्यवसायियों के हितों की रक्षा करता है, बल्कि समय-समय पर राज्य सरकार एवं भारत सरकार को अपने बहुमूल्य सुझावों और सलाह से भी अवगत कराता है.
शशि मोहन, महासचिव, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स

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