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बीता आधा सत्र, 40 लाख बच्चों को नहीं मिली किताबें
पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों का करीब आधा सत्र बीतने को है, लेकिन करीब 40 लाख बच्चों को किताबें नहीं मिल सकी है. इसका खुलासा शिक्षा विभाग में बिहार पाठ्य पुस्तक निगम की समीक्षात्मक बैठक में हुआ. शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने बिहार पाठ्य पुस्तक निगम को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत अगल-बगल […]
पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों का करीब आधा सत्र बीतने को है, लेकिन करीब 40 लाख बच्चों को किताबें नहीं मिल सकी है. इसका खुलासा शिक्षा विभाग में बिहार पाठ्य पुस्तक निगम की समीक्षात्मक बैठक में हुआ.
शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने बिहार पाठ्य पुस्तक निगम को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत अगल-बगल राज्यों में स्कूली बच्चों को कैसे किताबें उपलब्ध करायी जाती हैं, उसका अध्ययन करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा है कि वहां जाकर देंखे कि वहां सरकार कागज खरीद कर बच्चों की किताबें छपवा रही है या फिर एजेंसी के जरिये ही किताबों को सेट करवा कर उसे बंटवा रही है. उसी आधार पर बिहार में भी सत्र 2017-18 में बच्चों को किताबें उपलब्ध करायी जायेगा, ताकि सभी बच्चों को सत्र शुरू होने के साथ किताबें मिल सके. कोई भी बच्चा इससे वंचित ना हो.
शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने माना कि इस सत्र में 75 से 80 फीसदी बच्चों को ही किताबे मिल सकी हैं. कागज के अभाव में किताबों की छपाई नहीं हो सकी, जिससे यह समस्या आयी है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़े तो एजेंसियों का चयन किया जाये और उनसे जिलावार या क्लास वार या फिर विषय वार किताबों की छपाई करायी जाये.
इसके लिए एक निश्चित दर (रेट) तय की जायेगी. उन्होंने बताया कि जिस कंपनी से बिहार टेक्स्ट बुक पेपर लेता था, वह अब बंद हो चुकी है, जिससे पेपर लेने में समस्या आ रही है. इसलिए विभाग समय पर बच्चों को किताबें मिले इसके लिए विकल्प तलाश रहा है. जल्द ही टेक्स्ट बुक के अधिकारी अगल-बगल के राज्यों का अध्ययन कर रिपोर्ट देंगे और उसी आधार पर अगले सत्र के लिए तैयारी शुरू की जायेगी.
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