प्रॉपर्टी के लिए डॉ अफजल की हत्या

पटना : गैंग बना कर लूट-छिनतई मो मंजूर की शगल है. उसका गैंग है और शंभु यादव उनके गैंग का सदस्य है. इलेक्ट्राॅनिक दुकान तो इन सब कारनामों पर परदा डालने के लिए थी. इस दुकान पर उसके गैंग के सदस्यों का जमावड़ा लगता था और आपराधिक गतिविधियां संचालित होती थीं. पिछले तीन साल से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2016 7:01 AM
पटना : गैंग बना कर लूट-छिनतई मो मंजूर की शगल है. उसका गैंग है और शंभु यादव उनके गैंग का सदस्य है. इलेक्ट्राॅनिक दुकान तो इन सब कारनामों पर परदा डालने के लिए थी. इस दुकान पर उसके गैंग के सदस्यों का जमावड़ा लगता था और आपराधिक गतिविधियां संचालित होती थीं. पिछले तीन साल से भाड़े पर दुकान चला रहे मोहम्मद मंजूर को जब दुकान की कीमत (25 लाख) का एहसास हुआ, तो उसकी नीयत डोल गयी.
अब वह इस जमीन और दुकान को हड़पना चाहता था. पिछले तीन साल से डॉ मो अफजल की शालू नर्सिंग होम वाली बिल्डिंग में एक कमरे में दुकान चलाने वाला मंजूर विगत छह माह से भाड़ा नहीं देता था. इसको लेकर डॉक्टर से उसकी बहस भी हुई थी, डॉक्टर ने दुकान में ताला भी लगा दिया था. लेकिन, इस घटना को डॉक्टर ने हल्के में लिया और सतर्क नहीं हुए, जबकि मंसूर ने इस बात को दिल पर ले लिया और उसी के गुस्से में शुक्रवार को घटना को अंजाम दिया गया.
डॉ अफजल की हत्या का खुलासा करते हुए सिटी एसपी मध्य चंदन कुशवाहा ने बताया कि सबसे पहले शंभु यादव को ट्रेस किया गया. आसपास के लोगों तथा नर्सिंग होम से पता चला कि घटनास्थल पर शंभु मौजूद था. उसकी गतिविधियों की जानकारी पहले से थी.
ऐसे में पुलिस ने शंभु को कुर्जी गेट नंबर-82 से उठाया. पूछताछ में उसने घटना को कबूल किया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने पिस्टल और एक कारतूस बरामद किया गया है, उसे एफएसएल को जांच के लिए भेजा गया है. कारतूस 315 बोर का मिला है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर की हत्या भी 315 बोर के कारतूस से ही की गयी है.
चार लोगों का घटना स्थल पर मिला टावर लोकेशन : पुलिस को इस घटना के खुलासा करने में तब बड़ी मदद मिली, जब शंभु पुलिस के हत्थे चढ़ा. उसने पुलिस को बरगलाने की बहुत कोशिश की. जब पुलिस उसे पकड़ने गयी थी, तब वह अपने घर नहाने-खाने के बाद सोया था.
पुलिस उसे थाने जरूर लायी थी, लेकिन कंफर्म नहीं था कि उसका हाथ है या नहीं. जब पुलिस ने घटना के दिन शंभु और उसके सभी चार दोस्तों के मोबाइल टावर का लोकेशन चेक किया, तो घटना स्थल पर ही मिला. इसके बाद शंभु से कड़ाई से पूछताछ हुई, जिस पर वह टूट गया और पूरे मामले का खुलासा किया. अब पुलिस मंजूर और उसके दो अन्य साथियों को तलाश रही है. शंभु को जेल भेज दिया गया है.

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