निचले स्तर तक लोगों को मिले बैंकिंग सुविधा : मेहता

पटना : सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि यदि पैक्स को मजबूत करना चाहते हैं तो सिर्फ धान की खरीद तक सीमित नहीं रहना होगा. निचले स्तर तक लोगों को बैंकिंग की सुविधा देनी होगी. आज भी दो-पांच हजार रुपये के लिए लोगों को पांच-छह प्रतिशत सूद पर कर्ज लेना पड़ता है. वे बिहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2016 7:09 AM
पटना : सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि यदि पैक्स को मजबूत करना चाहते हैं तो सिर्फ धान की खरीद तक सीमित नहीं रहना होगा. निचले स्तर तक लोगों को बैंकिंग की सुविधा देनी होगी. आज भी दो-पांच हजार रुपये के लिए लोगों को पांच-छह प्रतिशत सूद पर कर्ज लेना पड़ता है. वे बिहार राज्य सहकारी बैंक की 67 वीं वार्षिक सम्मेलन को संबाेधित कर रहे थे. इस मौके पर बैंक ने सीएम राहत कोष में 25 लाख रुपये दिये.
मेहता ने कहा कि सहकारी बैंकों को वित्तीय अनुशासन पालन करने की आदत बनाना चाहिए. फिलहाल सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रेगुलेट नहीं कर रहा है. यह आपके लिए मौका है. जल्द ही आपको वित्तीय अनुशासन में आना होगा. प्रतियोगिता में बने रहने के
लिए आपको निचले स्तर तक जाना होगा. प्रतिनिधियों द्वारा पैक्स की समस्या, पैक्स को कर से मुक्त करने, धान की खरीद पर मूल्य के भुगतान में देरी होने समेत अन्य मांगों को गंभीरता से विचार करने का आश्वासन देते हुए मेहता ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा पैक्स की सदस्यता ऑनलाइन देने का निर्णय प्रावधान के मुताबिक लिया गया है. सहकारी बैंकों के कर्ज वसूली में पूर्णिया के युवा बैंककर्मी के तरीके को अपनाने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि किसी को कर्ज देने से पहले यह समझाना चाहिए कि यह कर्ज है.
इस कर्ज को लौटाना पड़ता है. यदि कोई इसे कर्ज समझेगा तो वह लौटायेगा. इसके लिए सभी बैंक को प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि आप प्रतियोगिता में रहेंगे तो जल्द ही रिजर्व बैंक आपको शाखा खोलने के लिए लाइसेंस देगी. इसके पूर्व बिहार राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष रमेश चंद्र चौबे ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि यह बैंक 8463 पैक्स और 22 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों का नेतृत्व करता है.यह त्रिस्तरीय साख संरचना की शीर्ष संस्था है.

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