शहाबुद्दीन मामले पर जदयू ने राजद को दिलायी गंठबंधन धर्म की याद

पटना : महागंठबंधन सरकार में पहली बड़ी तल्खी आज उस समय दिखी जब जदयू ने आज राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा मोहम्मद शहाबुद्दीन की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ की गयी टिप्पणी का समर्थन किये जाने पर कड़ा एतराज जताते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद से अपील की कि वे अपनी पार्टी के भीतर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2016 3:56 PM

पटना : महागंठबंधन सरकार में पहली बड़ी तल्खी आज उस समय दिखी जब जदयू ने आज राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा मोहम्मद शहाबुद्दीन की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ की गयी टिप्पणी का समर्थन किये जाने पर कड़ा एतराज जताते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद से अपील की कि वे अपनी पार्टी के भीतर गठबंधन धर्म की मर्यादा के पालन का भरोसा दिलाएं. बिहार सरकार में वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने जदयू कार्यालय में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह बराबर टिप्पणी करते रहते हैं. अमर्यादित भाषा में बात करते हैं जिसकी इजाजत गठबंधन धर्म नहीं देता. उनकी बातों में ओछापन है.

गंठबंधन धर्म पालन करने की सलाह

बिजेंद्र ने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन करना सबका दायित्व बनता है. अगर उन्हें तल्खी और परेशानी है तो अपनी बात अपने दल के भीतर रखें. भाजपा से ज्यादा विरोधी स्वर उनका रहता है. उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह के बारे में कहा कि वे अपनी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. लगातार बोल रहे हैं. इससे संदेश ठीक नहीं जाता है. वह राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद से अपील करना चाहते हैं कि गठबंधन धर्म के मर्यादा के उल्लंघन पर रोक लगाने का भरोसा दिलाएं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले इन दोनों जदयू मंत्रियों ने मीडिया के समक्ष आने के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ बैठक की थी.

शहाबुद्दीन ने दिया था बयान

मुख्यमंत्री ने शहाबुद्दीन की उस टिप्पणी कि वे ‘परिस्थितियों के मुख्यमंत्री’ हैं को महत्व नहीं देते हुए कल कहा था कि दुनिया को मालूम है कि बिहार की जनता का क्या जनादेश है. तो हम जनता के मुताबिक चलें या कोई आदमी कुछ बोल रहा है उस पर ध्यान दें. आज तक हम लोगों ने कभी ध्यान दिया है. इन सब बातों का कोई महत्व नहीं है. मोहम्मद शहाबुद्दीन की ओर से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विश्वास की कमी खुलकर जताये जाने के बाद कल राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा था कि वह नीतीश को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन महागंठबंधन के फैसले को मानना पडा.

जदयू नेताओं ने शहाबुद्दीन पर कुछ बोलने से इनकार किया

राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी पर पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद शहाबुद्दीन की रिहाई के लिए राज्य सरकार के खिलाफ लगातार बयानबाजी करने के लिए कहा कि वे बिहार की जनता के बीच भय का वातावरण पैदा करना चाहते हैं. जदयू के दोनों मंत्रियों बिजेंद्र प्रसाद यादव और राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शहाबुद्दीन की टिप्पणी को लेकर पूछे जाने वाले सवालों को टालते हुए कहा कि सैकड़ों लोग जेल जाते और बाहर आते हैं और उनकी बातों को हम महत्व नहीं देते क्योंकि ऐसे किसी व्यक्ति की टिप्पणी से सरकार की छवि धूमिल होगी.

कानून करेगा अपना काम-जदयू

ललन ने कहा कि कभी भी किसी जदयू नेता ने राजद के किसी नेता के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की. सुशील के जदयू से निष्कासित और निर्दलीय विधायक अनंत सिंह की तरह शहाबुद्दीन पर सीसीए :अपराध नियंत्रण कानून: लागू किये जाने की मांग किये जाने पर बरसते हुए कहा कि पटना उच्च न्यायालय के 2014 के उस आदेश को पढ़ना चाहिए जिसमें वर्ष 2013 में नौ महीने पूर्व एक व्यक्ति पर दर्ज मामले में उसे हिरासत में रखे जाने पर प्रश्न उठाया गया था. ऐसे में 11 साल पुराने एक मामले में में कैसे शहाबुद्दीन पर सीसीए लगाया जा सकता है. उन्होंने भाजपा से पूछा कि पत्रकार राजदेव नंदन की हत्या मामले में सीबीआई ने राज्य सरकार द्वारा अनुशंसा किए जाने पर भी क्यों नहीं अब तक उसकी जांच शुरु की. यह पूछे जाने पर कि क्या शहाबुद्दीन को मिली जमानत के खिलाफ राज्य सरकार उच्च अदालत में अपील करेगी, इस पर दोनों मंत्रियों ने कहा कि कानून अपना काम करेगा.

Next Article

Exit mobile version