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शहाबुद्दीन पर CCA लगाने की मांग ने जोर पकड़ा, राजभवन पहुंचा एनडीए

पटना : बिहार की वर्तमान महागंठबंधन सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए राजग ने प्रदेश के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को आज ज्ञापन सौंपकर शहाबुद्दीन पर सीसीए लगाये जाने की मांग की है. राजद के पूर्व सांसद शहाबुुद्दीन को हाल में जेल से रिहा किया गया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील […]

पटना : बिहार की वर्तमान महागंठबंधन सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए राजग ने प्रदेश के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को आज ज्ञापन सौंपकर शहाबुद्दीन पर सीसीए लगाये जाने की मांग की है. राजद के पूर्व सांसद शहाबुुद्दीन को हाल में जेल से रिहा किया गया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में राजग के एक शिष्टमंडल ने आज नौ बिंदुओं वाला एक ज्ञापन सौंपकर शहाबुद्दीन पर सीसीए लगाये जाने और उन्हें विभिन्न मामलों में जेल की सलाखों के पीछे डाले जाने की मांग की.

राज्य सरकार ने की मदद

भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुशील ने कहा कि हमलोगों ने राज्यपाल को शहाबुद्दीन को छोडे जाने से जुडी सचायियों से अवगत कराया और उन पर सीसीए लगाकर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजे जाने के लिए हस्तक्षेप करने तथा सरकार को निर्देशित करने का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उनकी बातों को सुना और भरोसा दिलाया कि वे इस मामले को संवैधानिक दायरे के अनुसार इस पर गौर करेंगे. रालोसपा सांसद रामकुमार शर्मा, हम सेक्युलर नेता दानिश रिजवान और भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव तथा प्रेम कुमार की उपस्थिति में आज सुशील ने नीतीश कुमार नीत महागठबंधन सरकार पर शहाबुुद्दीन की भागलपुर जेल से रिहाई में सरकार पर मदद करने का आरोप लगाया.

राज्य सरकार की भूमिका संदिग्ध-एनडीए

उन्होंने आरोप लगाया कि चर्चित राजीव रोशन हत्या कांड में 9 महीने में ट्रायल पूरा कराने के उच्च न्यायालय के गत 3 फरवरी के निर्देश के बावजूद सरकार ने एक रणनीति के तहत 7 महीने बाद भी ट्रायल प्रारंभ नहीं कराया जिसका लाभ उठाकर शहाबुद्दीन को अदालत से जमानत मिल गयी. सुशील ने कहा कि मो0 शहाबुददीन से जुडे सभी मामलों का सुनवाई पिछले तीन वर्षों से बंद पडी है. उच्च न्यायालय ने इसके लिये एक नोटिस भी जारी किया था. क्या सरकार इस बात की जांच करायेगी कि उच्च न्यायालय के नोटिस को राज्य सरकार ने तामील क्यों नहीं कराया. उन्होंने कहा कि राजीव रोशन हत्या कांड के खिलाफ सरकार अविलम्ब उच्चतम न्यायालय में अपील करे क्योंकि सरकार के लिए यह शर्मनाक होगा कि कोई निजी तौर पर इस मामले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे. इस मामले में मो0 शहाबुद्दीन को जमानत मिली है.

आईजी स्तर के अधिकारियों की टीम करे जांच

सुशील ने कहा कि शहाबुद्दीन से जुड़े तमाम मामलों की प्रभावी देखरेख के लिए पुलिस मुख्यालय में आईजी स्तर के अधिकारियों की एक टीम गठित की जाये. उन्होंने आरोप लगाया कि पत्रकार राजदेव रंजन हत्या कांड की सीबीआई जांच की अनुशंसा कर मुख्यमंत्री ने मात्र औपचारिकता का निर्वाह किया, प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान इस संबंध में कोई चर्चा तक नहीं की. इसलिए इसलिए महामहिम त्वरित सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार को निदेर्शित करें. सुशील ने आरोप लगाया कि दर्जनों संगीन मामलों के अभियुक्त व कई मामलों में सजायाफ्ता मो0 शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने के बाद सीवान सहित पूरे बिहार में एक बार फिर आतंक व भय का माहौल कायम हो गया है. जेल में रहने के दौरान भी मो0 शहाबुद्दीन पर हत्या, अपहरण की साजिश रचने के साथ ही गवाहों को धमकाने का आरोप लगता रहा है. मो0 शहाबुददीन 39 संगीन मामलों में अभियुक्त तथा दर्जन भर मामलों में सजायाफ्ता हैं.

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