पटना : शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद तेज हुई बयानबाजी अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है. महागंठबंधन में शामिल जदयू और राजद के नेताओं द्वारा डैमेज कंट्रोल की कोशिश जारी है. इसी के तहत सोमवार को जदयू ने प्रेस कांफ्रेस कर राजद को गंठबंधन धर्म का पालन करने की सलाह देते हुए राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह पर लगाम लगाने की गुजारिश की थी. जदयू द्वारा संवाददाता सम्मेलन करने के तुरंत बाद राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने एक क्षेत्रीय चैनल से बातचीत में महागंठबंधन के नेताओं से सवाल करते हुए पूछा था कि महागंठबंधन के नेता बतायें कि वह किस फोरम पर अपनी बात रखें. उसके बाद मंगलवार को रघुवंश प्रसाद ने एक बार फिर महागंठबंधन के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं बोलना नहीं छोड़ूंगा.
उन्होंने कहा कि चुप रहा तो डेमोक्रेसी कैसे बचेगी ? उन्होंने एक रिजनल चैनल से बातचीत में कहा कि मुझ पर लगाम लगाने वाले खुद बेलगाम हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह ने साफ कहा कि जदयू नेताओं ने मुझे दर्जनों बार गालियां दी. अब दो मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर गंठबंधन धर्म को तोड़ा है. रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि किसी का वही बयान अच्छा लगता है लेकिन मैं बोलूं तो बुरा लगता है. मैं अपने बयान पर कायम हूं. मैं सच बोलता हूं. मेरी बात देर से ही लेकिन सभी मानते हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह ने लालू यादव पर कुछ भी बोलने से इनकार किया.