एमबीए पास था नक्सली आशीष, पटना में पढ़ाता था
मसौढ़ी. बीते रविवार को गुमला में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया नक्सली आशीष यादव उर्फ सुजय कुमार उर्फ आशीष दा के परिवार के एक सदस्य की हत्या ने उसे एक शिक्षक से माओवादी बना दिया. फिर उसके रास्ते बदल गये. इसके बाद वह कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. जानकारी के अनुसार आशीष यादव […]
मसौढ़ी. बीते रविवार को गुमला में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया नक्सली आशीष यादव उर्फ सुजय कुमार उर्फ आशीष दा के परिवार के एक सदस्य की हत्या ने उसे एक शिक्षक से माओवादी बना दिया. फिर उसके रास्ते बदल गये. इसके बाद वह कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. जानकारी के अनुसार आशीष यादव जहानाबाद जिले के मखदुमपुर थाने के मालीबिगहा गांव का रहने वाला था. एमबीए की डिग्री प्राप्त करने के बाद जब उसे कोई नौकरी नहीं मिली तो वह माओवादी नेता अरविंद उर्फ देव कुमार के पुत्र प्रिंस के पटना स्थित कोचिंग में पढ़ाने लगा और उससे प्राप्त आय से जीविकोपार्जन करने लगा. इसी बीच चार साल पूर्व उसके परिवार के किसी सदस्य की हत्या की दी गयी.
इससे आशीष को गहरा घाव दिया और यहीं से उसके रास्ते बदल गये. वह कोचिंग शिक्षक की नौकरी छोड़ नक्सली बन गया और उसने कलम की जगह हथियार उठा लिया.
अब वह आशीष यादव से सुजय यादव उर्फ आशीष दा बन गया. वह पटना छोड़ गुमला चला गया और माओवादियों के शीर्ष नेता अरविंद कुमार के सानिध्य में माओवादी संगठन से जुड़ गया.
इस संबंध में भगवानगंज थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि भगवानगंज थाने के नगौली गांव में आशीष की मां का कोई रिश्तेदार रहता है और आशीष अक्सर उनसे मिलने नगौली आया करता था. अप्रत्यक्ष रूप से थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि आशीष मूल रूप से जहानाबाद जिले के मखदूमपुर थाने के मालीबिगहा गांव का निवासी है.