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शहाबुद्दीन के खिलाफ क्यों नहीं चला ट्रायल : सुशील मोदी

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि शहाबुद्दीन के खिलाफ राज्य सरकार क्यों नहीं ट्रायल शुरू करवायी? शहाबुद्दीन के खिलाफ तेजाब कांड छोड़ सभी मामले तीन साल से ट्रायल बंद है. यदि इन मामलों में ट्रायल होता तो शहाबुद्दीन को जमानत नहीं मिलती. आखिर राज्य सरकार […]

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि शहाबुद्दीन के खिलाफ राज्य सरकार क्यों नहीं ट्रायल शुरू करवायी? शहाबुद्दीन के खिलाफ तेजाब कांड छोड़ सभी मामले तीन साल से ट्रायल बंद है. यदि इन मामलों में ट्रायल होता तो शहाबुद्दीन को जमानत नहीं मिलती. आखिर राज्य सरकार ने इसे चालू कराने का प्रयास क्यों नहीं किया?
शहाबुद्दीन के खिलाफ जिन मामलों में ट्रायल बंद है उसमें कई ऐसे मामले हैं जिसमें उसे मृत्यूपर्यंत कारावास की सजा मिल सकती है. मोदी एक, पोलो रोड स्थित अपने आवासीय कार्यालय में जनता दरबार के कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पत्रकारों को संबाेधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में एक अभियुक्त ने किस तरह पूरे सिस्टम और सरकार को मैनेज किया और सारे मामलों को दबाने में सफल हो गया.
इसका जवाब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देना चाहिए. वे खुद जवाब दें न कि प्रवक्ता से गाली दिलायें. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि वे विपक्ष का बयान नहीं पढ़ते हैं. अब तो वे शहाबुद्दीन का बयान पढ़ रहे होंगे. उनको जवाब देना चाहिए. मोदी ने कहा कि यह राज्य की विधि व्यवस्था का मामला है. इसके बावजूद हमलोग अध्ययन करेंगे कि केंद्र सरकार ऐसे मामले में कहां तक हस्तक्षेप कर सकती है. उन्होंने कहा कि अगर शहाबुद्दीन को ट्रायल में रुके मामले में सजा मिल जाती है तो उन्हें पुन: निचली अदालत से लेकर उपरी अदालत तक बेल के लिए जाना पड़ सकता था. उन्होंने कहा कि जिन मामलों में गवाही पूरी हो चुकी थी, उसमें कई ऐसे मामले थे जिसमें एक-दो सुनवाई के बाद फैसला होता. वैसे भी सभी मामले स्थगित हो गये. उन्होंने कहा कि तीन साल से जेल में रहने के बावजूद शहाबुद्दीन को कोर्ट में उपस्थित नहीं कराया जा सका.
न ही उसे नोटिस ही तामिल कराया जा सका. इससे राज्य सरकार की मंशा साफ होती है.खतरा आने पर शुतुरमुर्ग द्वारा आंख बंद लेने से राज्य सरकार की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन से खतरा मामले में भी राज्य सरकार आंखें बंद कर ली है. जदयू के नेता कहते हैं कि कौन है शहाबुद्दीन, हम उसे पहचानते नहीं हैं. उन्हें पता होना चाहिए कि कितने ऐसे हैं जो शहाबुद्दीन की तरह जेल से बाहर आते हैं. सरकार पर शहाबुद्दीन को पूरी तरह मदद करने का उन्होंने आरोप लगाया.
पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या मामले में सीबीआइ जांच में केंद्र सरकार द्वारा गंभीरता से नहीं लेने संबंधी प्रश्न के जवाब में कहा कि सीएम जब पीएम से मिलने गये थे क्यों नहीं इस मुद्दे पर बात की? शहाबुद्दीन से जुड़े न्यायालय संबंधी दस्तावेज जारी करते हुए उन्हेांने कहा कि अधिवक्ता नियुक्ति संबंधित आवेदन विशेष न्यायालय के सभी मुकदमों की कार्रवाई अभियुक्त शहाबुद्दीन की ओर से कोई अधिवक्ता नहीं जाने के कारण बाधित हो रही थी. इस मामले की जानकारी सीवान के डीएम को दिया गया था.

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