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अब कंप्यूटराइज्ड नहीं मैनुअल ही होगी रजिस्ट्री
पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई के बाद सुनाया फैसला पटना : राज्य में अब कंप्यूटराइज्ड नहीं, बल्कि मैनुअल ही विभिन्न प्रकार की रजिस्ट्री हो सकेगी. शनिवार को पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश ज्योति शरण के खंडपीठ ने इस पर अपना फैसला सुना दिया. निबंधन, उत्पाद व मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव केके पाठक ने मैनुअल […]
पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई के बाद सुनाया फैसला
पटना : राज्य में अब कंप्यूटराइज्ड नहीं, बल्कि मैनुअल ही विभिन्न प्रकार की रजिस्ट्री हो सकेगी. शनिवार को पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश ज्योति शरण के खंडपीठ ने इस पर अपना फैसला सुना दिया.
निबंधन, उत्पाद व मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव केके पाठक ने मैनुअल रजिस्ट्री को बंद कर जून, 2016 से कंप्यूटराइज्ड कर दिया है. इस पर अरविंद कुमार समेत दर्जनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ज्योति शरण ने कहा कि यह कानून के खिलाफ है. जानबूझ कर 45 रीड-राइटर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया.
कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत आइजी रजिस्ट्रेशन को पावर है कि वह लाइसेंस रद्द कर सकते हैं, न कि प्रधान सचिव को. इससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रही थी. कोर्ट के फैसले के बाद अब मकान का लीज, जमीन संबंधी, गिफ्ट पर भी हाथ से लिखे रजिस्ट्रेशन से काम चल सकेगा.
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