सरकार पॉलिसी बनाये, तो यहां भी लिवर ट्रांसप्लांट
सेमिनार में जुटे कई विशेषज्ञ, दिये अहम सुझाव डॉक्टर बोले- ट्रांसप्लांट शुरू करने से पहले पॉलिसी बनाना जरूरी पटना : अगर बिहार सरकार व स्वास्थ्य विभाग पॉलिसी बनाये तो प्रदेश में भी लिवर ट्रांसप्लांट हो सकता है. लेकिन, इसके लिए प्रदेश की जनता को लिवर ट्रांसप्लांट के लिए जागरूक होना होगा. यह कहना है पीएमसीएच […]
सेमिनार में जुटे कई विशेषज्ञ, दिये अहम सुझाव
डॉक्टर बोले- ट्रांसप्लांट शुरू करने से पहले पॉलिसी बनाना जरूरी
पटना : अगर बिहार सरकार व स्वास्थ्य विभाग पॉलिसी बनाये तो प्रदेश में भी लिवर ट्रांसप्लांट हो सकता है. लेकिन, इसके लिए प्रदेश की जनता को लिवर ट्रांसप्लांट के लिए जागरूक होना होगा. यह कहना है पीएमसीएच के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के एचओडी डॉ विजय प्रकाश का. बुधवार को आइएमए व केएन सिन्हा इंस्टीट्यूट की ओर से लिवर ट्रांसप्लांट पर सेमिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन आइएमए मुख्यालय के मानद वित्त सचिव डॉ आरएन टंडन, डॉ सहजानंद, डॉ अजय कुमार व सचिव डॉ हरिहर दीक्षित ने किया.
डॉ विजय प्रकाश ने कहा कि प्रदेश में आॅर्गन ट्रांसप्लांट शुरू करने के लिए एक पॉलिसी बना कर इस दिशा में काम करना होगा, तभी यहां के गरीब मरीजों का लिवर, किडनी, आइ ट्रांसप्लांट संभव हो सकेगा. उन्होंने कहा कि बिहार में लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं मिलने के कारण यहां के मरीजों को दूसरे प्रदेशों में जाना पड़ता है.
किडनी की तुलना में लिवर ट्रांसप्लांट में ज्यादा जोखिम : दिल्ली से आये मुख्य वक्ता डॉ
नीरव गोयल ने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट की तुलना में लिवर ट्रांसप्लांट में ज्यादा जोखिम है.इसकी सर्जरी में समय काफी अधिक लगता है. ऐसे में मरीजों को जागरूक होना पड़ेगा, ताकि ट्रांसप्लांट करने में डॉक्टरों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो. उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरकारी व प्राइवेट हॉस्पिटलों में लिवर ट्रांसप्लांट काफी किये जा रहे हैं. मां, बेटी, पिता, बेटा आदि रिश्तेदार ट्रांसप्लांट में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. कार्यक्रम का संचालन आइएमए के सचिव डॉ राजीव रंजन ने किया. इस मौके पर डॉ पीएनपी पाल व अन्य मौजूद थे.