पटना :राजधानीपटना के बेऊरजेल में बंदविधायकअनंत सिंह पर सरकार कीतरफसे क्राइम कंट्रोल एक्ट नहीं लगाया जायेगा. जानकारी के मुताबिक इस मामले में गृह मंत्रालय की ओर से भी कोई विशेष पहल नहीं की गयी है. ज्ञात हो कि इसके पूर्व जिला प्रशासन ने गृह विभाग को एक प्रस्ताव दिया था जिसे विभाग ने यह कहकर लौटा दिया कि कोई अपराधी यदि वर्तमान में जेल में बंद है तो उसपर सीसीए लगाने का कोई औचित्य नहीं बनता. उसके बाद पटना जिला प्रशासन की ओर से फिर से प्रस्ताव तैयार कर गृह विभाग को भेजे जाने की तैयारी की जा रही है. वहीं इस मामले में विभागीय स्तर पर तैयारी को देखा जाये तो ऐसा लग रहा है कि गृह विभाग सीसीए के पक्ष में नहीं है.
जेल से बाहर रहने पर लगता है सीसीए
जानकारी के मुताबिक वह सीसीए लगाने या ऐसे किसी प्रस्ताव पर वह अनुशंसा को अंतिम रूप देने का मन नहीं बना लिया है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि सीसीए लगाने के लिए किसी आरोपी का जेल से बाहर रहना जरूरी है. बिना जेल से बाहर रहे किसी पर सीसीए नहीं लगाया जा सकता है. इसके लिए विधायक को पहले जेल से बाहर आना होगा और उस पर हाल में कुछ संगीन आरोप लगाना होगा, तभी इन पर सीसीए लगाकर इन्हें फिर से अंदर किया जा सकता है. गृह विभाग सीसीए के नियमों का हवाला देते हुए इसे पूरी तरह से सही नहीं मान रहा है. वह अपने तर्क पर पूरी तरह से अडिग है कि नियमानुसार, जेल में बंद रहने के दौरान किसी पर सीसीए नहीं लगाया जा सकता है.
जिला प्रशासन ने तैयार किया प्रस्ताव
हालांकि इस मामले में जिला प्रशासन ने अपने स्तर से जो प्रस्ताव तैयार किया है. उसमें विधायक पर यह आरोप लगाया है कि इनके बाहर आने से राज्य की खासकर शहर की विधि-व्यवस्था पर काफी खराब असर पड़ेगा. इतना ही नहीं इन्होंने जेल के अंदर से भी कई अपराधिक मामलों को अंजाम दिया है. जेल में रहने के दौरान ही इन्होंने अपने मुकदमा में कई गवाहों को धमकी दी है. इसके अलावा जेल के अंदर से ही डीएसपी को भी धमकी दी है, जिसकी शिकायत भी डीएसपी ने करवायी है. इन तमाम बातों से यह स्पष्ट होता है कि जेल के अंदर से ही उनके अपराध का कारोबार चल रहा है. इसके मद्देनजर इन पर सीसीए लगाने का पूरी तरह से मामला बनता है.