पत्रकार हत्याकांड : सीबीआई ने शुरू की दूसरे संदिग्ध की तलाश
पटना / नयी दिल्ली : इस साल 13 मई को बिहार के सिवान जिले में हुई पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में दूसरे संदिग्ध मोहम्मद जावेद का पता लगाने के लिए सीबीआई ने आज एक अभियान शुरु किया. इस मामले में मुख्य संदिग्ध मोहम्मद कैफ ने 21 सितंबर को सीवान की एक अदालत […]
पटना / नयी दिल्ली : इस साल 13 मई को बिहार के सिवान जिले में हुई पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में दूसरे संदिग्ध मोहम्मद जावेद का पता लगाने के लिए सीबीआई ने आज एक अभियान शुरु किया. इस मामले में मुख्य संदिग्ध मोहम्मद कैफ ने 21 सितंबर को सीवान की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था जिसके बाद वह न्यायिक हिरासत में है. एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह जांच शुरू करने के बाद एजेंसी ने सीवान में एक कैंप ऑफिस स्थापित किया जहां शार्प शूटर जावेद का पता लगाने के लिए उसके रिश्तेदारों को बुलाया गया.
पुलिस द्वारा एकत्र प्रमाणों का विश्लेषण
उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी का दल जावेद के घर गया तथा अन्य कई स्थानों पर भी उसकी तलाश की जा रही है. सूत्रों ने बताया कि आगे की जांच के लिए सीएफएसएल से फॉरेन्सिक विशेषज्ञों का एक दल भी जल्द ही यहां आएगा. पत्रकार की हत्या को चार माह बीत चुके हैं और सीएफएसएल के विशेषज्ञों की मदद से अपराध स्थल को ‘रीक्रिएट’ कर सूचनाओं के मध्य तारतम्य स्थापित किया जाएगा और सबूत जुटाये जायेंगे. साथ ही स्थानीय पुलिस द्वारा एकत्र प्रमाणों का विश्लेषण किया जायेगा.
जांच दल में विशेषज्ञ शामिल
सूत्रों ने बताया कि जांच दल जल्द ही सीवान जायेगा और उसके साथ कुछ विशेषज्ञ भी होंगे ताकि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जा सके. पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के संबंध में सीबीआई ने 15 सितंबर को अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों जमानत पर रिहा हुए पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन बिहार पुलिस की जांच के दायरे में हैं. यह मामला तब सुर्खियों में आया जब शहाबुद्दीन की पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद सात जुलाई को भागलपुर जेल से रिहाई के बाद फरार संदिग्धों कैफ और जावेद की तस्वीरें उनके साथ नजर आईं.
हत्या में रसूखदार लोगों का हाथ होने आशंका
सूत्रों के अनुसार, संदेह है कि पत्रकार की हत्या के पीछे कुछ रसूखदार लोगों का हाथ है. बिहार सरकार द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद जांच एजेंसी ने हत्या के इस मामले की जांच शुरू की जिसमें आईपीसी की आपराधिक षड्यंत्र, हत्या और शस्त्र कानून संबंधी धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. नियमों के अनुसार, सीबीआई ने राज्य पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को ही लिया है. बहरहाल, सूत्रों ने बताया कि एजेंसी की जांच पूरी तरह स्वतंत्र है.