8280 स्कूलों में से सिर्फ 980 के पास कंप्यूटर, कैसे होंगे ऑनलाइन काम
परेशानी. इंटर व मैट्रिक के रजिस्ट्रेशन व परीक्षा फाॅर्म भरने के लिए लेते थे पैसे पटना : स्कूलों में कंप्यूटर नहीं है. ऐसे में रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फाॅर्म भरने की ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कैसे होगी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ऑनलाइन सारी प्रक्रिया करने की घोषणा के बाद कई स्कूलों के प्राचार्य अब समिति के […]
परेशानी. इंटर व मैट्रिक के रजिस्ट्रेशन व परीक्षा फाॅर्म भरने के लिए लेते थे पैसे
पटना : स्कूलों में कंप्यूटर नहीं है. ऐसे में रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फाॅर्म भरने की ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कैसे होगी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ऑनलाइन सारी प्रक्रिया करने की घोषणा के बाद कई स्कूलों के प्राचार्य अब समिति के अध्यक्ष से संपर्क करने की तैयारी कर रहे हैं. कई प्राचार्यों ने स्कूल में कंप्यूटर की समस्याओं को लेकर बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर को चिट्ठी भी लिखी है. ज्ञात हो कि प्रदेश में 9वीं से लेकर 12वीं तक 8280 विद्यालय और महाविद्यालय है, जहां से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में परीक्षार्थी शामिल होते हैं. लेकिन, इसमें से मात्र 980 के पास ही कंप्यूटर हैं.
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन : रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फाॅर्म भरने का सारा काम कंप्यूटर से किया जायेगा.
इसके लिए छात्रों का डाटाबेस बनाने के साथ ही हर स्कूल को क्लास वाइज छात्रों की लिस्ट तैयार करनी होगी. इसी लिस्ट के अाधार पर 9वीं और 11वीं का रजिस्ट्रेशन होगा. लेकिन, स्कूल वाले परेशान हैं कि उनके पास जब कंप्यूटर ही नहीं है, तो कैसे रजिस्ट्रेशन का काम कैसे करेंगे. जिन छात्रों का रजिस्ट्रेशन होगा ,उन्हें ही 10वीं और 12वीं का परीक्षा फाॅर्म भरने की अनुमति दी जायेगी.
9वीं का परीक्षा फाॅर्म भरने में हुई थीं दिक्कतें : कुछ महीनों पहले अप्रैल में 9वीं के परीक्षा फाॅर्म भी ऑनलाइन ही भरा गया था. समिति की ओर से स्कूलों पर दबाव डाला गया कि ऑनलाइन ही परीक्षा फाॅर्म भरे जायेंगे. इसके बाद स्कूलों ने साइबर कैफे से परीक्षा फाॅर्म भरने की सारी प्रक्रियाएं को पूरी की. इसमें हर परीक्षार्थी से एक्स्ट्रा 50 रुपये भी लिये गये थे. इसको लेकर कई स्कूलों में छात्रों ने हंगामा भी किया था. फिर वही स्थिति स्कूल में न बन जाये, इसके लिये स्कूल प्राचार्य इसकी सूचना समिति कार्यालय को देना चाहते हैं.
एक गलती हुई तो रुक जायेगा एडमिट कार्ड : आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फाॅर्म भरने की सारी प्रक्रियाएं कंप्यूटर पर ही होता है. ऐसे में अगर थोड़ी भी गलती हुई, तो छात्र का रिजल्ट पेंडिंग हो जायेगा. समिति कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अधिकतर स्कूलों के प्राचार्य को भी कंप्यूटर चलाने नहीं आता है. ऐसे में ऑनलाइन प्रक्रिया बहुत ही सावधानी से पूरी करनी होगी.डीपीओ डॉ अशोक कुमार ने कहा कि कंप्यूटर तो कई स्कूलों में लगाये गये. लेकिन, कई स्कूलों से चोरी हो जाते हैं. ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करने में मुश्किल हो रही है, जहां कंप्यूटर नहीं हैं.
स्कूलों में ये हैं दिक्कतें
प्राचार्य को नहीं आता है कंप्यूटर चलाना.
एक दो शिक्षक ही कंप्यूटर को ऑपरेट कर पाते हैं, लेकिन वो एक्सपर्ट नहीं हैं
रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फाॅर्म भरना पूरी टेक्निकल है. ऐसे में थोड़ी भी गलती होगी, तो छात्र का एडमिट कार्ड जारी नहीं हो पायेगा
आॅनलाइन प्रक्रिया करने में हर स्कूल में बिजली होनी चाहिए. अधिकतर स्कूलों में बिजली नहीं है
स्कूल के सारे छात्राें के रजिस्ट्रेशन का सारा काम करने में घंटों लगेंगे.
पटना. इंटर और मैट्रिक के छात्रों का भले आधार कार्ड बनाने का काम स्कूलों में चल रहा है. लेकिन, आधार नंबर लेने के लिये छात्रों को 15 दिनों तक इंतजार करना होगा. आधार कार्ड के लिये आवेदन करने के 15 दिनों के बाद ही नंबर उपलब्ध होंगे. ऐसे में अक्तूबर के दूसरे सप्ताह के बाद ही आधार नंबर छात्राें को मिल पायेगा. आधार कार्ड बनाने की जिम्मेवारी जिस एजेंसी को दी गयी है, वो एजेंसी 15 दिन के बाद ही आधार नंबर छात्रों को देना शुरू करेगी. छात्राें को आधार नंबर स्कूल से ही प्राप्त होगा. डाक द्वारा बाद में भेजा जायेगा.
डेढ़ लाख बनना है आधार कार्ड
पटना जिले में आधार कार्ड दो फेज में बनाने का निर्णय
लिया गया है. फर्स्ट फेज 19 से 24 सितंबर तक बनाया जाना था. लेकिन पांच दिनों में 1600 ही छात्रों का आधार कार्ड के लिये आवेदन हो पाया है. जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार पटना जिला में डेढ़ लाख परीक्षार्थी 9वीं से 12वीं तक है जिनका आधार कार्ड बनाया जाना है. इसके लिये
एक अक्तूबर तक का ही समय दिया गया है. लेकिन कार्ड बनाने का काम बहुत ही धीमा है. कई स्कूलों में तो अभी तक आधार मशीन भी नहीं लगायी गयी है. शुक्रवार को मात्र
421 छात्रों का ही आधार नंबर के लिये आवेदन दिया जा सका.
बैंक अकाउंट से जुड़ेगा आधार नंबर
आधार नंबर बनने के बाद सारे नंबर को छात्र के बैंक अकाउंट से जोड़ने का काम भी स्कूल प्रशासन के द्वारा ही किया जायेगा. स्कूल को इसके लिये आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. जिला शिक्षा के डीपीओ डाॅ अशोक कुमार ने बताया कि बैंक अकाउंट से आधार नंबर को जोड़ने के बाद छात्रों का डिजिटल लॉकर बनाया जायेगा. डिजिटल लॉकर के लिये एक पासवर्ड और यूजर आइडी छात्रों को दिया जायेगा. इस यूजर आइडी और पासवर्ड से छात्र भविष्य में इसका इस्तेमाल कर पायेंगे.
पटना. शिक्षकों का काम केवल शिक्षा देने का होना चाहिए. शिक्षकों को कई दूसरे कार्यों में लगा दिया जाता है. इसका असर स्कूल के क्वालिटी एजुकेशन पर होता है. लेकिन, अब शिक्षकों से केवल पढ़ाने का काम लिया जायेगा. शिक्षा विभाग की ओर से जिला शिक्षा कार्यालय को एक चिट्ठी भेजी गयी है. इसके अनुसार अब शिक्षकों को केवल लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में ही लगाया जायेगा. इसके अलावा दस साल पर होने वाले जनगणना कार्य में ड्यूटी दी जायेगी. इन दोनों कार्य के अतिरिक्त किसी भी काम में अब शिक्षकों को नहीं लगाया जायेगा. विभाग से चिट्ठी आने के बाद जहां पर भी जिन शिक्षकों को ड्यूटी पर लगायी गयी है, उन्हें हटाने का नोटिस भी जल्द जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा जारी किया जायेगा.
नियोजन से भी हटेंगे शिक्षक
इन दिनों कई शिक्षकों को शिक्षक नियोजन के कार्य में लगाया गया है. शिक्षक नियोजन का कार्य कई महीनों सेचल रहा है. ऐसे में कई स्कूलों से शिक्षकों को हटा कर नियोजन कार्य में लगा दिया गया है. यह हाल कोई एक जिला का नहीं, बल्कि तमाम जिलों में नियोजन कार्य में शिक्षक लगे हुए हैं. पटना जिले की बात करें तो लगभग 20 शिक्षकोंको नियोजन कार्य में लगाया गया है. लेकिन विभाग के आदेश के बाद नियोजन कार्य में लगाये गये शिक्षकों को हटा दिया जायेगा.
अब केवल शिक्षण कार्य करेंगे शिक्षक
शिक्षकों को अब केवल शिक्षण कार्य में लगाया जायेगा. लोकसभा और विधानसभा चुनाव और जनगणना में ही शिक्षकों को लगाया जायेगा. इसके अलावा किसी भी काम में अब शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगेगी.
मेदो दास, डीइओ, जिला शिक्षा कार्यालय