जल संसाधन विभाग बना रहा कानून
पटना : मछली मारने की ठेकेदारी लेने के सवाल पर तालाबों में जहर डालने वालों पर जल संसाधन विभाग नकेल कसेगा. विभाग इसकी तैयारी कर रहा है. जहर डालने वालों को कठोर सजा दिलाने के लिए विभाग एक्ट बनाने पर लगातार मंथन कर रहा है.
विधि परामर्शियों से इस मुद्दे पर जल संसाधन विभाग दो चरणों में बैठक कर चुका है. फिलहाल विभाग तालाबों की सुरक्षा की जिम्मेवारी प्राइवेट एजेंसियों को दिये जाने की सहमति बन गयी है. पहले चरण में उत्तर बिहार के सात जिलों और बाद में पूरे राज्य में इसे लागू किया जायेगा. सूत्र बताते हैं कि जुलाई-अगस्त में दरभंगा और समस्तीपुर के कई तालाबों में जहर डाल कर मछलियों को नष्ट करने की साजिश के बाद जल संसाधन विभाग सजग हुआ है. विभाग पशु व मत्स्य पालन विभाग के साथ भी इस मुद्दे पर बैठक करेगा.
तालाबों की सुरक्षा और मछली पालन व बिक्री के लिए जल संसाधन विभाग ने सुपौल, सहरसा और मधुबनी के 10 बड़े तालाबों की नीलामी और निगरानी कराने का निर्णय लिया है. नीलामी के पहले उक्त तालाबों की जल संसाधन विभाग निगरानी व सुरक्षा शाखा विशेष निगरानी कर रहा है.
मालूम हो कि इसमें दूसरे प्रदेशों को भी ठेकेदार बोली लगाते हैं. इस बार जल संसाधन विभाग दसों तालाबों की नीलामी एक नहीं, बल्कि तीन वर्षों के लिए करेगा. तालाबों व मछलियों की सुरक्षा की शर्त पर ही तालाबों की 29 सितंबर को नीलामी होगी. इसमें बिहार के ठेकेदारों को प्राथमिकता मिलेगी.