…पांच तत का पुतला नानक मेरा नाम

गुरु नानक देव जी महाराज के ज्योति पर्व पर सजा दीवान पटना सिटी : सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी महाराज का जीवन दर्शन मानवता का संदेश देती है. उन्होंने अपने जीवन दर्शन में आध्यात्मिक व सांसारिक उन्नति के तीन सिद्धांत निश्चित किये थे, जिनकी प्रासंगिकता आज के बदले परिवेश में बढ़ गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2016 1:45 AM
गुरु नानक देव जी महाराज के ज्योति पर्व पर सजा दीवान
पटना सिटी : सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी महाराज का जीवन दर्शन मानवता का संदेश देती है. उन्होंने अपने जीवन दर्शन में आध्यात्मिक व सांसारिक उन्नति के तीन सिद्धांत निश्चित किये थे, जिनकी प्रासंगिकता आज के बदले परिवेश में बढ़ गयी है क्योंकि गुरु महाराज का सिद्धांत सर्वधर्म समभाव की शिक्षा के साथ समाज को एकता व अखंडता के सूत्र में पिरोने का सशक्त माध्यम है.
गुरु महाराज ने अपने जीवन दर्शन में पांच तत का पुतला नानक मेरा नाम के सहारे से समाज को एकजुट होने का संदेश दिया. उक्त बातें रविवार को गुरु नानक देव जी महाराज के ज्योति जोत पर्व पर तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में आयोजित विशेष दीवान में वक्ताओं ने कही.
अखंड पाठ की समाप्ति, भजन कीर्तन : विशेष दीवान सजने से पहले बीते दो दिनों से चल रहे गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ की समाप्ति के बाद तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह की देखरेख में विशेष दीवान सजा, जिसमें अमृतसर से आये रागी जत्था के हरजीत सिंह, तख्त साहिब के रागी जोगिंदर सिंह बिट्टू , भाई बिक्रम सिंह, लोकिंदर सिंह, हरभजन सिंह व ज्ञान सिंह ने वैराग्यमय कीर्तन के साथ कथावाचक ज्ञानी सुखदेव सिंह ने कथा की.
विशेष दीवान में प्रो लाल मोहर उपाध्याय की रची पुस्तक ज्योति मिली परम ज्योति से पुस्तक का विमोचन जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने किया. दीवान की समाप्ति विश्व शांति व भाईचारे के लिए अरदास के साथ हुआ. इस दौरान हुकूमनामा व शस्त्र दर्शन भी कराया गया.साथ ही भक्तों के बीच कचौड़ी प्रसाद का वितरण किया गया.
कौन-कौन हुए शामिल
विशेष दीवान में वरीय उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह, महासचिव सरजिंदर सिंह, सचिव महेंद्र सिंंह छाबड़ा सिंह,कनीय उपाध्यक्ष बीबी कंबलजीत कौर, चेयरमैन गुरेंद्रपाल सिंह, महाकांत राय, प्रेम सिंह,गुरु प्रसाद सिंह, अमरजीत सिंह, जगजोत सिंह आदि शामिल हुए. इधर, ज्योति जोत पर्व में शामिल होने के लिए पंजाब व हरियाणा समेत अन्य प्रांतों से भी सिख संगत तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब पहुंची थी.

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