नीतीश कुमार कुर्सी बचाने के लिये अनैतिक राजनीति की राह पर : मोदी
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि कुर्सी के लिए नीतीश कुमार को शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल में बंद ओम प्रकाश चौटाला से लेकर चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद और दुर्दांत अपराधी मो. शहाबुद्दीन तक से कोई परहेज नहीं है. कुर्सी बचाने, सत्ता में […]
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि कुर्सी के लिए नीतीश कुमार को शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल में बंद ओम प्रकाश चौटाला से लेकर चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद और दुर्दांत अपराधी मो. शहाबुद्दीन तक से कोई परहेज नहीं है. कुर्सी बचाने, सत्ता में बने रहने और राष्ट्रीय राजनीति में पैठ बनाने की कोशिश में मुख्यमंत्री सिद्धांत विहीन व अनैतिक राजनीति की राह पर चल पड़े हैं. मोदी ने कहा कि भाजपा गठबंधन की सरकार में 10 वर्षों तक जेल में रहने वाले शहाबुद्दीन को बाहर निकालने में सहयोग करने वाले नीतीश कुमार को न सुप्रीम कोर्ट की फटकार की परवाह है और न चारा घोटाला के सजायाफ्ता लालू प्रसाद से कोई परहेज हैं.
लालू-राबड़ी के कथित जंगलराज के खिलाफ भाजपा के सहयोग से सत्ता में आये नीतीश कुमार ने कुर्सी के लिए उसी लालू प्रसाद से हाथ मिला लिया जिसे कभी चारा घोटाला में जेल भिजवाया था. लोहिया और कर्पूरी ठाकुर ने जिस कांग्रेस का आजीवन विरोध किया, जिसके शासनकाल में हजारों-लाखों करोड़ के घपले-घोटाले हुए, कुर्सी के लिए नीतीश कुमार ने उसे गला लगा लिया. जिस इंडियन नेशनल लोकदल (आइएनएलडी) की करनाल में आयोजित किसान रैली को नीतीश कुमार संबोधित करने गये थे, उसके सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला शिक्षक नियुक्ति घोटाले में अनेक वर्षों से जेल में हैं. कभी देवगौड़ा, तो कभी चौधरी अजीत सिंह और अब चौटाला की चौखट पर माथा टेकने वाले नीतीश कुमार की हैसियत उत्तर प्रदेश में वोटकटवा से ज्यादा कुछ नहीं रहने वाली हैं.