विद्युत विभाग ने नहीं दी विकलांग को राहत
आलोक द्विवेदी मुख्यमंत्री का आदेश भी हुआ बेअसर पटना : सरकार द्वारा 45 रुपये प्रति माह निर्धारित करने के बाद विद्युत विभाग ने बीपीएल कार्डधारक को 47 हजार रुपये का बिल थमा दिया. पीड़ित ने बिल कम करने के लिए विभाग के उच्चधिकारियों के चक्कर लगाये और अपनी समस्या को लेकर सीएम से मिला. सीएम […]
आलोक द्विवेदी
मुख्यमंत्री का आदेश भी हुआ बेअसर
पटना : सरकार द्वारा 45 रुपये प्रति माह निर्धारित करने के बाद विद्युत विभाग ने बीपीएल कार्डधारक को 47 हजार रुपये का बिल थमा दिया. पीड़ित ने बिल कम करने के लिए विभाग के उच्चधिकारियों के चक्कर लगाये और अपनी समस्या को लेकर सीएम से मिला.
सीएम के आदेश के बाद भी विभाग ने बिल जमा करने के बाद ही बिजली चालू करने की बात कही. जिसको लेकर उसने उपभोक्ता फोरम में दावा किया.
45 रुपये प्रति माह फिक्स है विद्युत बिल
हरनीचक, फुलवारीशरीफ निवासी वास्कित कुमार बीपीएल कार्ड धारक के साथ ही दोनों पैर से विकलांग है. शासन के नियमानुसार विद्युत विभाग ने वास्कित कुमार के घर पर 45 रुपये प्रति माह निर्धारित दर पर विद्युत कनेक्शन दिया गया है. जिसमें वह तीन कमरे के मकान में पांच बल्ब और तीन पंखा चलाता था.
विद्युत रेट कम होने के साल में एक बार ही विद्युत बिल आता था. जो 540 रुपये था. 2011 में विद्युत विभाग ने वास्कित को एक साल का विद्युत बिल 47 हजार रुपये भेजा और जमा न करने कीस्थिति में कनेक्शन काटने का आदेश दिया. निर्धारित दर से अधिक बिल को देख कर वास्कित ने बिल कम करने को लेकर विद्युत विभाग के उच्चधिकारियों से गुहार लगायी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
उपभोक्ता फोरम में किया दावा
उपभोक्ता फोरम के अधिवक्ता मोहन लाल का कहना है कि विद्युत विभाग के द्वारा की जा रही मनमानी को लेकर वास्कित कुमार ने उपभोक्ता फोरम में विभाग के खिलाफ मामला दायर किया है. फिलहाल मामला न्यायालय में लंबित है.
मामले की हो रही जांच
इस संबंध में विद्युत विभाग के जनसंपर्क अधिकारी हरे राम पांडेय का कहना है कि मामले की जांच कर सही स्थिति जानने के बाद ही पीड़ित को राहत दी जायेगी.