निगम की स्थायी समिति ने की आयुक्त के निलंबन की सिफारिश

पटना : नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक बुधवार को एक बार गरम माहौल में हुई. नगर आयुक्त कुलदीप नारायण को निलंबित करने की अनुशंसा नगर विकास एवं आवास विभाग से की है. यही नहीं, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा भी स्थायी समिति ने की है. स्थायी समिति ने स्पष्ट आरोप लगाया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2014 4:14 AM

पटना : नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक बुधवार को एक बार गरम माहौल में हुई. नगर आयुक्त कुलदीप नारायण को निलंबित करने की अनुशंसा नगर विकास एवं आवास विभाग से की है. यही नहीं, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा भी स्थायी समिति ने की है. स्थायी समिति ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि नगर आयुक्त जनहित की योजनाएं पूरा नहीं करते हैं.

स्थायी समिति व निगम बोर्ड की बैठक में लिये गये निर्णय का पालन नहीं करते हैं. यहां तक कि मेयर अफजल इमाम ने बैठक में नगर आयुक्त पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया. इनको लेकर स्थायी समिति ने प्रपत्र क गठित कर नगर आयुक्त के खिलाफ विभागीय व निलंबित करने की अनुशंसा विभागीय सचिव से की है. साथ ही कहा है कि इसकी सूचना मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी दी जायेगी.

15 मिनट में ही निकल गये नगर आयुक्त : निर्धारित समय से आधे घंटे की विलंब से स्थायी समिति की बैठक शुरू हुई, लेकिन इसके 15 मिनट बाद ही नगर आयुक्त अपने स्थान पर अपर नगर आयुक्त शशांक शेखर सिन्हा को प्राधिकृत कर हाइकोर्ट चले गये, लेकिन वे जाने से पहले बैठक में अपनी बातों को सदन के समक्ष रखा. मेयर के सभी वार्डो में दो-दो चापाकल लगाये जाने के सवाल पर नगर आयुक्त ने कहा कि अगले वित्तीय बजट में प्रावधान किया जायेगा.

इसके बाद योजना पूरी की जायेगी. इस पर मेयर ने कहा कि चापाकल लगाने के लिए पर्याप्त राशि है. सो, अगले बजट का इंतजार नहीं किया जायेगा. तब जाकर एक करोड़ 35 लाख की लागत से चापाकल लगाने की योजना की स्वीकृति दी गयी.

अनुपस्थिति में हुई परेशानी : नगर आयुक्त की अनुपस्थिति में मेयर को स्पष्ट जवाब नहीं मिला. इससे परेशानी हुई. मेयर ने बैरिया स्थित डंपिंग यार्ड की बाउंड्री से लेकर खेल के मैदान तक के मुद्दे उठाये, लेकिन प्राधिकृत अधिकारी द्वारा स्पष्ट जवाब नहीं मिल सका. इस पर निर्देश दिया गया कि अगली बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये. इसके पहले निगम के दिनचर्या लिपिक शैलेंद्र के निलंबन वापसी से संबंधित प्रस्ताव पर विवाद हुआ.

कहां से लटकी हैं योजनाएं : बैठक में पांच, दस और 15 लाख वाली योजनाओं की समीक्षा की गयी. इसमें मेयर ने पूछा कि योजनाएं कहां से लटकी हैं? इस पर सभी प्रमंडल के कार्यपालक पदाधिकारियों ने कहा कि प्राक्कलन बन कर तैयार है. मुख्य अभियंता व नगर आयुक्त के स्तर पर योजनाएं पेंडिंग हैं.

पटना सिटी के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि वार्ड 52, जो मेयर का वार्ड है, से अनुशंसा नहीं मिली है. इसकी वजह से प्राक्कलन नहीं बनाया गया है. मेयर ने कहा कि जब तक सभी वार्डो में योजनाएं पूरी नहीं होंगी, तब तक मैं अपने वार्ड की अनुशंसा नहीं दूंगा. बैठक में जय नारायण शर्मा, आभा लता, विनोद कुमार सहित कई उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version