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वीएलटीडी जांच के बाद बिहार-झारखंड अंतरराज्यीय मार्ग पर 87 बसों को मिला परमिट

परिवहन विभाग के निर्देश पर सभी कॉमर्शियल गाड़ियों में वीएलटीडी लगाना अनिवार्य किया गया है,लेकिन निर्देश के बाद भी कई गाड़ियों में यह सिस्टम नहीं लगाया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2024 12:50 AM

परिवहन विभाग

संवाददाता, पटना

परिवहन विभाग के निर्देश पर सभी कॉमर्शियल गाड़ियों में वीएलटीडी लगाना अनिवार्य किया गया है,लेकिन निर्देश के बाद भी कई गाड़ियों में यह सिस्टम नहीं लगाया गया है. इस कारण राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में बिहार-झारखंड अंतरराज्यीय मार्ग पर महज 87 बसों को परमिट दिया गया है. बाकी आवेदनों को जांच और विचार के बाद परमिट मिलेगा. वहीं, इन बस मालिकों को 15 दिनों का समय दिया गया है कि गाड़ियों में सिस्टम एक्विट होने के बाद में आयुक्त कार्यालय में इसका सत्यापन करा लें.

यह भी लिया गया है निर्णय

सार्वजनिक परिवहन की ढाई हजार से गाड़ियों में व्हीकल लोकशन ट्रैकिंग डिवाइस एवं इमरजेंसी बटन लगाया गया है, लेकिन विभाग ने उपकरण लगाने की धीमी गति को देखते हुए निर्णय लिया है कि जिस गाड़ी में सिस्टम को नहीं लगा होगा. उन गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, प्रदूषण प्रमाणपत्र भी बनेगा. विभाग के मुताबिक यह उपकरण औटो छोड़ कर बस, कैब , टैक्सी सहित अन्य गाड़ियों में लगाया जाना है.

यह हो रहा है फायदा

व्हीकल लोकशन ट्रेकिंग डिवाइस द्वारा इमरजेंसी अलर्ट, ओवर स्पीडिंग तथा उपकरण के साथ छेड़छाड़ या तोड़े जाने पर अलर्ट प्राप्त हो सकेगा. वाहन के लोकेशन की रियल टाइम जानकारी प्राप्त हो रही है. जियो फैंसिंग एवं सॉफ्टवेयर के माध्यम से वाहन के हर मूवमेंट को मैप पर देखा जा रहा है.साथ ही, वाहन मालिक भी सॉफ्टवेयर द्वारा अपने वाहनों की स्थिति का पता कर सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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