शराबबंदी की लाश को ढो रहे हैं सीएम नीतीश : सुशील मोदी

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शराबबंदी पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि पटना हाइकोर्ट के निर्णय के बाद शराबबंदी कानून की आत्मा तो तीन दिन पहले ही निकल गयी थी. अब तो यह लाश मात्र रही गई है, जिसे मुख्यमंत्री जबरदस्ती अपने कंधों पर ढो रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2016 6:48 AM
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शराबबंदी पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि पटना हाइकोर्ट के निर्णय के बाद शराबबंदी कानून की आत्मा तो तीन दिन पहले ही निकल गयी थी. अब तो यह लाश मात्र रही गई है, जिसे मुख्यमंत्री जबरदस्ती अपने कंधों पर ढो रहे हैं. भाजपा हमेशा शराबबंदी के पक्ष में रही है मगर उसके उन तालिबानी प्रावधानों का विरोध करती रही है, जिसे हाइकोर्ट ने भी रद्द कर दिया है. मोदी ने कहा कि शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने वाले केके पाठक को जदयू के एक प्रखंड अध्यक्ष को बचाने के लिए अपमानित कर हटाने के बाद ‘वेटिंग फॉर पोस्टिंग‘ में रख कर क्यों प्रताड़ित किया जा रहा है.
क्या विपक्ष ने शराबबंदी कानून के सामूहिक जुर्माना, संपत्ति जब्त करने, व्यक्तिगत सजा, मुआवजा, यात्रा या ट्रांसपोर्ट में पकड़े जाने जैसे एक-एक तालिबानी प्रावधानों को हटाने के लिए जबरदस्त विरोध कर विधानमंडल के दोनों सदनों में मतदान के लिए बाध्य नहीं किया था. विपक्ष के बयानों को नहीं पढ़ने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री विपक्ष की बातों से इतना परेशान क्यों हैं. जिन 11 गांवों पर सामूहिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया था, सरकार उसे वसूल क्यों नहीं कर पाई. 11 पुलिसकर्मियों के निलंबन पर पुलिस एसोसिएशन की धमकी के बाद सरकार चुप क्यों हो गयी है. पाठक के हटने के बाद पिछले एक महीने से छापेमारी, गिरफ्तारी व बरामदगी की कार्रवाई सुस्त क्यों हो गयी.

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