बोले सीएम नीतीश, महागंठबंधन में झगड़ा लगाने वाले नहीं होंगे कामयाब

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महागंठबंधन में कुछ लोग झगड़ा लगाना चाहते हैं. झगड़ा लगाने वाले कामयाब नहीं होंगे. महागंठबंधन में एकता है और कोई फूट नहीं है. प्रदेश में कानून का राज है और कानून का ही राज रहेगा. गवर्नेंस में काम होगा. राज्य के सकारात्मक चीजों की चर्चा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2016 6:54 AM
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महागंठबंधन में कुछ लोग झगड़ा लगाना चाहते हैं. झगड़ा लगाने वाले कामयाब नहीं होंगे. महागंठबंधन में एकता है और कोई फूट नहीं है. प्रदेश में कानून का राज है और कानून का ही राज रहेगा. गवर्नेंस में काम होगा. राज्य के सकारात्मक चीजों की चर्चा होनी चाहिए, मुख्यमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि प्रदेश से लेकर दिल्ली में बिहार के इतने हितैषी लोग हैं कि वे बिहार का ही बंटाधार करने में लगे हैं.
बिहार के ही हैं, लेकिन बिना शिकायत किये और बिहार के खिलाफ बोले उनका खाना पच ही नहीं सकता है. ऐसे लोगों पर अब क्या कहें? हम तो अपनी मेहनत व काम से उन्हें दिखाना चाहते हैं. ऐसे भी हम जुबान से कम ही बोलते हैं और काम करते हैं. लोहिया जी ने भी कहा था कि जुबान से कम बोलो, काम ऐसा करो कि काम बोलेगा और लोग उसे समझेंगे.
सीएम ने कैबिनेट की बैठक में पढ़ा संकल्प पत्र
कैबिनेट की बैठक में रविवार को मुख्यमंत्री ने संकल्प पत्र पढ़ा. जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार में पूर्ण मद्य निषेध लागू कर राज्य में सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गयी है. संपूर्ण बिहार में इसके प्रति जन साधारण विशेषकर महिलाओं में काफी उत्साह है. सामान्य जन भावना हमेशा से शराब के विरुद्ध रही है और इसलिए हमारे निर्णय को अपार जन समर्थन प्राप्त हुआ है. ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं बच्चों, और पुरुषों ने इस कदम का स्वागत किया. इसके अलावे अन्य राज्यों में विभिन्न सामाजिक जन संगठनों और महिला समूह जो शराब के विरुद्ध अभियान चला रहे हैं, वे हमारे निर्णय से उत्साहित हैं.
बिहार सरकार का यह प्रयास अनूठा है क्योंकि मजबूत तंत्र और सामाजिक भागीदारी दोनों इस अभियान के अभिन्न अंग हैं. सरकार ने सभी के सहयोग से शराबबंदी के इस सामाजिक अभियान को जन आंदोलन में बदला है. साथ ही साथ प्रभावकारी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने तथा इसे नियंत्रित करने हेतु उपयुक्त कानूनी प्रावधान भी किये गये हैं. पूर्ण शराबबंदी से समाज अधिक सशक्त स्वस्थ एवं संयमी हो रहा है. जिसका अतुल्य प्रभाव बिहार की प्रगति में परिलक्षित होगा. बिहार में लागू शराबबंदी का सकारात्मक प्रभाव सामाजिक सौहार्द पर पड़ा है.
और गांव और शहरों में शांति एवं सद्भाव का माहौल स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. गांधी जयंती के पुनीत दिवस पर मद्य निषेध का नया कानून लागू हुआ है.

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