पटना : पीयू के छात्रावासों को खाली कराये जाने के अपने आदेश के पालन नहीं होने से नाराज पटना हाइकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि यदि कुलपति और रजिस्ट्रार से उनका पद नहीं संभलता है, तो वो पद छोड़ क्यों नहीं देते. मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस डाॅ रवि रंजन की कोर्ट ने मंगलवार को यह तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि पीयू के वीसी और रजिस्ट्रार नाकाबिल हैं. कोर्ट ने हॉस्टल खाली कराने में सफल नहीं होने पर कड़ी फटकार लगायी. कोर्ट ने कहा कि प्राचार्य और छात्रावास अधीक्षक भी सक्षम नहीं हैं. कोर्ट सभी छात्रावासों को प्रशासन को सौंप देगी और उसे विधिवत आवंटित करने का निर्देश देगी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आपसे छात्रावास नहीं खाली हो रहा है, तो पद छोड़ दीजिए. हम खुद छात्रावास खाली करवा सकते हैं और पिछले साल ऐसा किया भी है. कोर्ट ने कहा कि पिछले साल खाली कराये जाने के बाद कहा गया था कि जांच-पड़ताल के बाद ही उचित आवंटियों को कमरे दी जाये. पर, पीयू प्रशासन इसे तामिल नहीं करवा पाया. कोर्ट ने बुधवार को पटना के जिलाधिकारी और एसएसपी को तलब किया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि छात्रावासों में उपद्रवी रहते हैं. सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि कई छात्रावास खुला है. बाहर से लोग प्रवेश कर जाते हैं और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर चले जाते हैं. पीयू के वकील ने कहा कि एक अगस्त को सैदपुर छात्रावास में जो बम विस्फोट हुआ था, वह भी बाहरी लोगों ने किया था. कोर्ट ने कहा कि उनके आदेशों को इस तरह दरकिनार किये जाने को वह बरदाश्त नहीं कर सकती.